क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया लंबी रेस का घोड़ा हैं ……?

सत्येन्द्र सिंह रघुवंशी।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मध्य प्रदेश में सरकार को बनवाने के लिए चाहे जो भी गुप्त वादे किए हों , वह तो देर-अबेर जरुर पूरे होंगे ही । लेकिन सिंधिया के मन में भविष्य को लेकर क्या छुपा हुआ है , इसका अंदाजा उनकी गतिविधियों से कुछ कुछ तो लगाया ही जा सकता है ।
हम देख रहे हैं जिस दिन से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है उसी दिन से ज्योतिरादित्य सिंधिया भारतीय जनता पार्टी के हर छोटे बड़े और कद्दावर नेताओं को साधने की लगातार कोशिश कर रहे हैं । साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख लोगों के लिए भी यथोचित सम्मान दे रहे हैं।
यह तो सभी जानते हैं कि सिंधिया मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद चाहते थे । आज की तारीख में भी यह पद पाने की लालसा जरूर उनके दिमाग में है । उनका भारतीय जनता पार्टी के हर छोटे बड़े नेताओं के यहां जाना यह एक सोची-समझी रणनीति के तहत दिखाई देता है।

मध्यप्रदेश में भी ढाई साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं और भारतीय जनता पार्टी को भी मध्य प्रदेश में एक जिताऊ चेहरा चाहिए होगा। शिवराज सिंह एक अच्छे मुख्यमंत्री हैं इस बात को कोई नकार नहीं सकता है , लेकिन शिवराज सिंह चौहान आने वाले समय में जिताऊ चेहरा साबित होंगे इस पर मंथन किया जा सकता है । शिवराज सिंह चौहान को जनता पिछले दिनों ही नकार चुकी है यह बात सभी जानते हैं ।
अगर आगे आने वाले लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को दिल्ली की कुर्सी चाहिए तो उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में कुछ बदलाव और समझोता करने होंगे और ऐसे चेहरे सामने लाने होंगे जिनका जनता और दल के भीतर विरोध कम हो और जनता के मत हर जाति और हर वर्ग से हासिल कर सकें।
मध्यप्रदेश मे शिवराज सिंह के अलावा अगर दूसरे चेहरे की बात करें तो वह ज्योतिरादित्य सिंधिया का चेहरा है।
मध्यप्रदेश की जनता भी एक बार सिंधिया को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है ।
यहां यह कहना जरूरी है , ज्योतिरादित्य सिंधिया एक उर्जावान व्यक्ति हैं उनकी उर्जा का उपयोग नरेंद्र मोदी जी को करना चाहिए इससे भारतीय जनता पार्टी को फायदा ही होगा और जनता को एक कुशल प्रशासक मिलेगा ।
कांग्रेस की दुर्दशा का एक कारण यह भी है वह युवा पीढ़ी की उर्जा का उपयोग करना नहीं चाहती है। बूढ़े घोड़े राजनीति के रथ को कब तक खींच सकते हैं।
यह बात भारतीय जनता पार्टी के दिग्गजों को भी समझ लेना चाहिए ।
ऊर्जा वान लोगों का उपयोग करना सीख लें ।
और अपना रास्ता साफ करें जो दिल्ली की गद्दी तक जाता है । आगे आने वाले चुनावी साल भारतीय जनता पार्टी के लिए उतना सरल नहीं हैं जितना पहले थे। इस बार मजबूत विपक्ष और जनता के विरोध को झेलना पड़ेगा ऐसा दिखता है ।

ज्योतिरादित्य सिंधिया लाखों नौजवानों में जोश फूंकते है , यह टि्वट सत्य को उद्घाटित करता है , ऐसे ऊर्जा वान शख्सियत की ऊर्जा का उपयोग जरूरी है । इससे समाज का भला होगा । यह हमारे देश का दुर्भाग्य ही है कि हमेशा से काबिलियत को उसके हुनर को दर्शाने का मौका नहीं दिया जाता है।

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