समग्र समाचार सेवा
पटना, 17जून। बिहार प्रदेश के महिला कांग्रेस के पुर्व उपाध्यक्ष मंजुबाला पाठक ने मीडिया से बात करते हुआ कहा कि बिहार में कोरोना से हुई मौत के आंकड़े में बड़े घालमेल का खुलासा हुआ है. इसकी आशंका बहुत पहले से लगाई जा रही थी कि यहां मौत के सही आंकड़े छुपाए जा रहे हैं और अब सरकार के रिकॉर्ड से ही इस बात पर से पर्दा उठ गया है. 24 घंटे में कोरोना से मृतकों का आंकड़ा 5,458 से बढ़कर सीधे 9,429 हो गया है ऐसे में सवाल उठ रहे हैं की क्या राज्य सरकार ने मौत के आंकड़े को छिपाया. लोगों का कहना है कि अगर अस्पताल और श्मशान के आंकड़ों से अंदाजा लगाया जाए तो ये संख्या कहीं ज़्यादा निकलेगी.
दरअसल, बिहार सरकार हर दिन कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा जारी कर रही थी और ये आंकड़े जिलों से भेजी जा रही रिपोर्ट के आधार पर होते थे. अब जांच में पता चला है कि ज़िलों से मृतकों की जो संख्या भेजी जा रही थी उसमें बड़े पैमाने पर हेरा फेरी की गई है.हाईकोर्ट की फटकार के बाद 18 मई को राज्य सरकार ने कोरोना से होने वाली मौत को लेकर जांच के लिए ज़िलों में दो तरह की टीम बनाई थी.दोनों स्तर की जांच में ये पाया गया है कि मौत के आंकड़े को छिपाया गया और सरकार को ग़लत जानकारी भेजी गई. अब सरकार ग़लत आंकड़े भेजने वालों पर कार्रवाई की बात कह रही है.
ऐसे भी बिहार सरकार इस माहामारी को नियंत्रण करने में असफल है और सुशासन बाबू अपनी मुख्यमंत्री आवास से कहीं निकले भी नहीं।ना ही कोई सफल सिस्टम यहां काम किया इस महामारी में न ही लोगों का कोई कल्याण हुआ।
यहां केवल आंकड़ों की राजनीति हुई परंतु लोगों की पीड़ा का कोई मतलब नहीं रहा।
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