पूर्व सांसद अरूण कुमार ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, चिराग पासवान की सियासी हत्या रोकने की लगाई गुहार

समग्र समाचार सेवा
पटना, 18जून। लोक जनशक्ति पार्टी में चाचा-भतीजे के बीच की तकरार बढ़ती जा रही है और अब अध्यक्ष पद की दावेदारी का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच सकता है। इस बात का ऐलान खुद चिराग पासवान ने किया गया है। चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति पारस के पार्टी अध्यक्ष के चुनाव को रद्द करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है। चिराग पासवान ने आरोप लगाते हुए कहा कि एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा किया जाता है। जिसमें करीब 75 सदस्य भाग लेते हैं। लेकिन गुरुवार को बिहार की राजधानी पटना में हुई एलजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में केवल 9 सदस्य मौजूद रहे थे। चिराग ने कहा कि पार्टी से सस्पेंड सदस्यों ने मेरे चाचा को अध्यक्ष चुना है, जोकि असंवैधानिक है।
एलजेपी में जारी चाचा- भतीजे के सियासी विवाद को लेकर पूर्व सांसद अरुण कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में पूर्व सांसद ने पीएम मोदी से चिराग पासवान की सियासी हत्या रोकने की गुहार लगाई है। उन्होंने अपने पत्र में पीएम नरेंद्र मोदी को सीएम नीतीश कुमार का वह व्यवहार याद दिलाने का प्रयास किया है। जिसमें उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी की वजह से भाजपा नेताओं के लिए आोयजित भोज रद्द कर दिया था।
पूर्व सांसद अरुण कुमार ने चिट्ठी में लिखा है कि नीतीश कुमार ने उन्हें सियासी अछूत बनाते हुए उनके सामने से ही थाली खींची थी। अरुण कुमार ने ये भी लिखा कि चिराग पासवान ने बतौर पीएम प्रत्याशी उनका समर्थन किया था। इसलिए चिराग पासवान की सियासी हत्या को पीएम मोदी मूकदर्शक बनकर नहीं देखें।

उधर चिराग पासवान ने ये दावा भी किया कि उनके पास पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों के शपथ पत्र हैं। जिन्होंने मेरे नेतृत्व पर भरोसा जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि इस बारें में चुनाव आयोग को सूचित कर दिया गया है। ये पांचों सांसद अब एलजेपी के नहीं है, बल्कि ये पांचों सांसद निर्दलीय हैं। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि एलजेपी के संविधान के तहत चुनाव आयोग और लोकसभा अध्यक्ष उचित निर्णय लेंगे।

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