भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट के बढ रहे मामले, स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन 8 राज्यों को दी चेतावनी

समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 26जून। कोरोना के डेल्टा प्लस वेरियंट देश में चिंता का विषय बना हुआ है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ एसके सिंह ने बताया कि अभी तक पूरे देश भर में डेल्टा प्लस के 48 मामले सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि 8 राज्यों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा, “8 राज्य महत्वपूर्ण हैं जहां हमें चिंता पैदा करने वाले वैरिएंट (डेल्टा वैरिएंट) के 50% से अधिक मिले हैं. ये राज्य हैं आंध्र प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल.”

बायोटेक्नोलॉजी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में, पहला वैरिएंट ऑफ कंसर्न यानी चिंता पैदा करने वाला वैरिएंट ब्रिटेन द्वारा घोषित किया गया था जहां इसकी पहचान की गई थी और बाद में अब हमारे यहां इनमें से 4 वैरिएंट पाए गए हैं जिन्हें डब्ल्यूएचओ ने अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा कहा है. डेल्टा वह है जिसे भारत में पहचाना गया था।

उन्होंने कहा, “यह भारतीय वैज्ञानिक थे जिन्होंने इसकी पहचान की, इसे वैश्विक डेटाबेस में डाला और हमारे देश के भीतर किए गए जीनोमिक निगरानी के कारण, इसने विश्व स्तर पर भी मदद की. कई अन्य देशों ने भी वैश्विक डेटाबेस पर इसकी पहचान की. तब पता चला कि यह कई देशों में पाया जाता है.”।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शुक्रवार को तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर डेल्टा प्लस वैरिएंट के प्रसार को रोकने के उपायों को बढ़ाने का निर्देश दिया है. केंद्र सरकार ने राज्‍यों से कॉन्‍टैक्‍ट ट्रेसिंग बढ़ाने के लिए कहा है

देश के 35 राज्यों के 174 जिलों में डेल्टा वैरिएंट मिल चुका है

बता दें कि हाल ही में सामने आए डेल्टा प्लस के मामले अब तक देश के 12 राज्यों में सामने आ चुके हैं. इन राज्यों में 49 सैंपल में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला है, जिसे सरकार ने हाल ही में गंभीर वैरिएंट के रुप में घोषित किया था. राष्ट्रीय महामारी नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि देश में अब तक 21,109 सैंपल में गंभीर वैरिएंट मिल चुके हैं. इनमें एल्फा 3969, बीटा 149, गामा एक और डेल्टा व कापा वैरिएंट 16238 सैंपल में मिला है.

उन्होंने बताया की कोरोना महामारी की दूसरी लहर से पहले फरवरी और मार्च में सबसे ज्यादा अल्फा वैरिएंट मिल रहा था, लेकिन मई और जून में 90 फीसदी सैंपल में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हो रही है. देश में अब तक कोरोना के 120 म्युटेशन सामने आ चुके हैं, लेकिन उनमें से गंभीर आठ वैरिएंट हैं जो सबसे ज्यादा भारतीय कोरोना संक्रमितों में मिल रहे हैं.

 

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