ड्रोन के इस्तेमाल पर सख्त हुई सरकार, अब जम्मू जैसा हमला नहीं कर सकेंगे आतंकी, रक्षा मंत्रालय और तीनों सेनाएं तैयार करेंगी नई नीति
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30जून। जम्मू स्थित एयरफोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले के बाद मोदी सरकार अलर्ट मोड में है। भारत ने इन ‘हमलावर ड्रोन’ से निपटने के लिए प्रणाली और प्रौद्योगिकी की पहचान कर ली है और उच्च स्तरीय सूत्रों के अनुसार, ऐसे आतंकी हमलों से बचने के लिए जल्द ही एक व्यापक, व्यापक ड्रोन-विरोधी नीति तैयार की जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। खबर है कि बैठक में ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर नियम बनाने पर चर्चा की गई है. इसके अलावा उभरते हुए नए खतरों और भविष्य की चुनौतियों को लेकर भी नीति तैयार करने पर बात की गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, नई नीति तैयार करने में रक्षा मंत्रालय और सेना की तीनों सेवाएं अहम भूमिका निभाएंगी। भारतीय वायुसेना की हवाई सुरक्षा इकाइयां देश के हवाई क्षेत्र में संचालित हो रहे मानव और मानव रहित उड़ानों की निगरानी करेंगी. रिपोर्ट में पीटीआई के हवाले से लिखा गया है कि तीनों सेनाओं को ड्रोन हमले जैसी नए दौर की चुनौतियों का सामना करने पर पर्याप्त रूप से ध्यान के लिए कहा गया है. साथ ही इस तरह के हमलों को रोकने के लिए जरूरी उपकरणों खरीदने के लिए भी कहा गया है।
सूत्रों के मुताबिक हवाई प्रतिष्ठान में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और भारतीय वायुसेना के अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक हुई। वायुसेना, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) सहित विभिन्न एजेंसियों की जांच टीम भी हवाई प्रतिष्ठान पहुंच गई हैं। उल्लेखनीय है कि जम्मू हवाईअड्डा एक असैन्य हवाईअड्डा है और एटीसी (वायु यातायात नियंत्रण) भारतीय वायुसेना के अधीन है। जम्मू हवाईअड्डे के निदेशक प्रवत रंजन बेउरिया ने बताया कि विस्फोट के कारण उड़ानों के परिचालन में दिक्कत नहीं हुई। उन्होंने कहा, ”जम्मू से आने-जाने वाली उड़ानों का तय कार्यक्रम के मुताबिक परिचालन हो रहा है।
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