भारत बायोटेक का दावा, कोवैक्सीन कोरोना के साथ-साथ डेल्टा वेरिएंट पर 65.2% असरदार

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3जुलाई। भारत में कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के तीसरे और अंतिम चरण का ट्रायल पूरा कर लिया है। जिसके बाद हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने कहा कि उसने कोवैक्सीन के लिए फाइनल फेज- 3 के डेटा का विश्लेषण कर लिया है और उसकी कोवैक्सीन कोरोना के गंभीर मरीजों के साथ- साथ डेल्टा वेरिएंट के मरीजों पर भी असरदार है। भारत बायोटेक द्वारा जारी ट्रायल के डेटा के मुताबिक, फाइनल चरण के ट्रायल में देसी वैक्सीन कोवैक्सीन कोरोना के खिलाफ 77.8 फीसदी प्रभावी पाई गई है। वहीं, दुनिया भर में नया टेंशन देने वाले खतरनाक डेल्‍टा वेरिएंट के खिलाफ यह टीका 65.2% असरदार पाया गया है।

भारत बायोटेक द्वारा जारी ट्रायल के डेटा के मुताबिक, फाइनल चरण के ट्रायल में भारत की देसी वैक्सीन Covaxin जहां कोरोना के खिलाफ 77.8 फीसदी प्रभावी पाई गई है. वहीं, दुनिया भर में नई मुसीबत बनकर आए खतरनाक डेल्‍टा वेरिएंट के खिलाफ भी Covaxin का टीका 65.2% असरदार पाया गया है. प्री-प्रिंट डेटा का हवाला देते हुए भारत बायोटेक ने दावा किया है और कंपनी ने कहा है कि भारत बायोटेक ने 130 कोरोना के पुष्ट मामलों पर ये ट्रायल किया है और नतीजे सामने आए हैं।

भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के तीसरे और अंतिम चरण के डेटा के विश्लेषण के बारे में कहा कि असिम्पटोमैटिक कोरोना मरीजों के खिलाफ कोवैक्सिन 63.6% असरदार है. भारत बायोटेक के मुताबिक, कोवैक्सीन का ट्रायल देश के 25 अलग-अलग अस्पतालों में किया गया था. इसमें करीब 25800 वॉलंटियर्स शामिल हुए थे, जो 18 से 98 साल के आयु वर्ग के थे. कंपनी ने बताया कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में भाग लेने वाले लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दी गई यानी प्लास्बो दी गई थी।

कोवैक्सीन के बारे में एनआईएच ने बताया कि कोवैक्सीन लेने वाले लोगों के ब्लड सीरम के अध्ययन से यह पता चलता है कि टीके से जो एंटीबॉडीज बनती हैं, वह ब्रिटेन और भारत में सबसे पहले मिले कोरोना के B.1.1.7 (अल्फा) और B.1.617 (डेल्टा) वेरिएंट्स पर असरदार है।

 

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