यूपी में डीजीपी ने मोहर्रम पर जुलूस निकालने पर लगाया रोक, शिया धर्मगुरु कल्बे जवाद ने लगाए आरोप

समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 2 अगस्त। यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल ने कोरोना महामारी के संक्रमण को देखते हुए मोहर्रम के अवसर पर किसी प्रकार के जुलूस या ताजिया निकालने पर रोक लगा दी है। उन्होंने धर्म गुरुओं से बातचीत कर कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन कराने को भी कहा है। इस बार मोहर्रम 10 अगस्त से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलेगा।

उन्होंने इस संबंध में प्रदेश के चारों पुलिस आयुक्तों एवं जिलों के पुलिस कप्तानों को पत्र भेजा है। पत्र में डीजीपी ने कहा है कि मोहर्रम पर विशेष सतर्कता अपेक्षित है। डीजीपी ने थानाध्यक्षों व क्षेत्राधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देने को कहा है कि छोटी से छोटी घटना को भी गंभीरता से लें और तत्काल घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए विवाद को हल करने के लिए प्रभावी उपाय करें। पिछले वर्षों में जिन-जिन स्थानों पर किसी प्रकार का विवाद हुआ हो, वहां पुलिस व राजस्व विभाग के राजपत्रित अधिकारियों को भेजकर स्थिति का आकलन कराया जाए। उप जिलाधिकारी व क्षेत्राधिकारी संयुक्त रूप से अनिस्तारित विवादों को प्राथमिकता पर निस्तारित कराएं।

डीजीपी ने संवेदनशील एवं कंटेनमेंट जोन में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती करने, सार्वजनिक स्थानों पर चेकिंग कराने, सघन जांच व तलाशी की व्यवस्था के लिए स्वान दल व आतंकवाद निरोधक दस्ते की तैनाती करने, बैरियर व चेक पोस्ट लगाकर संदिग्ध वाहनों की चेकिंग कराने, शांति समिति की बैठकें करने और अफवाह फैलाने वालों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया की राउंड द क्लॉक मॉनीटरिंग करने तथा संवेदनशील क्षेत्रों में मोबाइल पेट्रोलिंग कराने को भी कहा है।

शिया समुदाय के धर्मगुरुओं ने डीजीपी की तरफ से जिलों के पुलिस कप्तानों को भेजे गए पत्र की भाषा पर एतराज जताया है। मौलाना कल्बे सिब्तैन नूरी और मौलाना सैफ अब्बास ने कहा है कि जब तक यह सर्कुलर वापस नहीं लिया जाएगा और भाषा नहीं सुधारी नहीं जाएगी, तब तक शिया सुमदाय के प्रतिनिधि प्रशासन के साथ किसी बैठक में भाग नहीं लेंगे।

सरकार की तरफ से जारी सर्कुलर पर अब विवाद खड़ा हो गया है। शिया धर्मगुरु का आरोप है कि सर्कुलर में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया है. शिया धर्मगुरु का कहना है कि सर्कुलर में पुलिस-प्रशासन ने गलत भाषा का इस्तेमाल किया गया है।

इसके साथ ही सीनियर शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने यूपी की मुहर्रम कमेटियों को पुलिस की किसी भी बैठक में न शामिल होने का आदेश जारी किया है. उनकी मांग है कि पहले डीजीपी को अपना बयान वापस लेना होगा उसके बाद ही किसी भी तरह की बातचीत संभव हो सकेगी. मौलाना कल्बे जवाद ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मुहर्रम को लेकर अभद्र बयान डीजीपी का नहीं बल्कि अबु बकर बगदादी का लग रहा है।

मुहर्रम सर्कुलर पर शिया धर्मगुरु नाराज
यूपी डीजीपी की तरफ से सर्कुलर जारी कर सीएमओ से संपर्क कर किसी भी इमरजेंसी स्थिति के लिए सरकारी अस्पतालों और डॉक्टरों समेत पैरामेडिकल स्टाफ को तैयार रखने ने निर्देश दिए गए हैं. साथ ही महिलाओं के खिलाफ होने वाली किसी भी घटना को रAकने के लिए सादा वर्दी में महिला-पुरुष पुलिस स्टाफ को तैनात करने के भी निर्देश दिए गए हैं. सर्कुलर में ये भी कहा गया है कि मुहर्रम से पहले पुलिस थाने स्तर पर मोहल्लों और गांवों में शांति समिति बैठकें करा ले.

बता दें कि सभी शिया उलेमाओं ने यूपी DGP द्वारा जारी किए गए सर्कुलर को वापस लेने और ड्राफ्ट बनाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. कोरोना संक्रमण के खतरे को दखते हुए इस साल मुहर्रम पर ताजिया और जुलूस नहीं निकाला जा सकेगा. प्रशासन की तरफ से इसके लिए अनुमति नहीं दी गई है. सरकार की तरफ से जारी किए गए सर्कुलर में से शिया समुदाय के लोग काफी नाराज हैं. वह सरकारी सर्कुलर से संतुष्ट नहीं हैं।

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