समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16अगस्त। अअफगानिस्तान में फंसे हजारों भारतीयों की चिंताएं और बढ़ गई हैं। सोमवार को काबुल एयरपोर्ट पर देश छोड़ने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी और इस दौरान अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। इस बीच फायरिंग की भी खबर है, जिसमें कम से कम 5 लोगों की मौत हुई है। इन घटनाओं के बाद काबुल से कॉमर्शियल उड़ानों को रोक दिया गया है। इसके चलते भारत आने वाली और भारत से काबुल जाने वाली उड़ानों पर भी रोक लग गई है। ऐसे में अफगानिस्तान से निकलने की आस लगाए हजारों भारतीयों को झटका लगा है। सोमवार को दोपहर 12:30 बजे एयर इंडिया का एक विमान दिल्ली से काबुल जाने वाला था जिस रद्द कर दिया गया है।
फिलहाल काबुल एयरपोर्ट अमेरिकी सेना के कब्जे में है, लेकिन लोगों की जबर्दस्त भीड़ के कारण स्थिति चरमरा गई है। लोगों जबर्दस्ती विमानों में चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। इस कारण एयरपोर्ट से विमान सेवाएं रोक दी गई है। एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से अपील की गई है कि लोग हवाई अड्डे पर न आएं।
रिपोर्ट के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी सैनिकों की ओर से हवाई फायरिंग की गई थी, जिसके चलते भगदड़ मच गई। शायद यह भी वजह है, जिसके चलते लोगों की मौत हो गई। रविवार को ही अमेरिका ने कहा था कि उसके 6,000 सैनिक काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा करेंगे और लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करेंगे। हालांकि ऐसा होता नहीं दिख रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया भर के कई देश अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने में जुटे हैं। लेकिन अब एयरपोर्ट बंद होने और उड़ानें ठप होने के चलते भारत समेत इन तमाम देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
उधर जैसे ही तालिबान के लड़ाकों ने अफगानिस्तान को अपने कब्जे में ले लिया है वैसे ही अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी भी देश छोड़कर भाग गए। अशरफ गनी यूं ही नहीं देश छोड़कर भाग गए हैं इसके पीछे का कारण तालिबान का इतिहास है। बता दें कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति नजीबुल्लाह को भी तालिबान ने 27 सितंबर 1996 मार-पीट कर मौत के घाट उतार दिया था। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी जबसे देश छोड़कर गए हैं तभी से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि वे कहां हैं।
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