समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3 सितंबर। दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं कराने का संवैधानिक पदाधिकारियों पर आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर केंद्र को अपना जवाब देने के लिए बुधवार को वक्त दे दिया। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा से कहा कि हम नोटिस जारी नहीं कर रहे…निर्देश लें। पीठ उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें लोकसभा अध्यक्ष को इस पद पर चुनाव कराने के लिए कोई भी नजदीक की तारीख तय करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
अधिवक्ता पवन रिले ने याचिका दायर करके कहा कि दो साल से लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद खाली पड़ा है, जबकि लोकसभा में कुछ ऐसे कार्य हैं जिन्हें केवल डिप्टी स्पीकर द्वारा ही पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि डिप्टी स्पीकर एक स्वतंत्र पद धारण करते हैं और अकेले सदन के प्रति जवाबदेह होते हैं।
उन्होंने कहा कि यह भारतीय गणराज्य के इतिहास में पहली बार है कि डिप्टी स्पीकर का पद 830 दिनों के लिए खाली रहा है। रिले ने दलील दी कि संविधान का अनुच्छेद 93 के तहत डिप्टी स्पीकर के चुनाव की तारीख तय करने के लिए अध्यक्ष पर एक अनिवार्य संवैधानिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि इसके बाद महासचिव द्वारा सदन के सभी सदस्यों को चुनाव के लिए नोटिस जारी किया जाता है। किसी को भी डिप्टी स्पीकर का चुनाव न करने का कोई विवेक नहीं दिया गया है।
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