राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो का दावा, देशभर में रेप मामलों में राजस्थान नंबर वन, उत्तर प्रदेश का दूसरे स्थान
समग्र समाचार सेवा
जयपुर, 17सितंबर। वैसे तो सामान्यत: भारत में महिलाओं के साथ अत्याचार और रेप के मामलें कही कम नही हो रहे है। आए दिन कोई ना कोई महिला हैवानियत का शिकार हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक हर 15 मिनट में देश की एक महिला रेप का शिकार होती है। लेकिन राजस्थान ने तो इस मामलें में रिकार्ड बना लिया है। राजस्थान लगातार दूसरे साल दुष्कर्म के मामलों में नंबर वन बना हुआ है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक राजस्थान में वर्ष 2020 में भी 5310 मामले दर्ज हुये हैं। ये देश में सबसे ज्यादा हैं। रेप और गैंगरेप की हैवानियत भरी वारदातों के कारण राजस्थान देशभर में कई बार बदनाम हो चुका है। वहीं राजस्थान पुलिस के डीजीपी का दावा है कि यहां फ्री रजिस्ट्रेशन के कारण अपराध के आंकड़े बढ़े हैं। रेप के 43 फीसदी मामले तो झूठे पाये गये हैं। वहीं इनमें भी 31 फीसदी मामलों में तो परिवादी 164 के बयानों में ही मुकर गई।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक राजस्थान में वर्ष 2019 में रेप के 5997 मामले दर्ज हुये थे। वर्ष 2020 में इनकी संख्या 5310 रही है। हालांकि यह संख्या गत वर्ष के मुकाबले थोड़ी कम है, लेकिन फिर भी देशभर में राजस्थान इसमें पहले स्थान पर है। रेप के इन मामलों की हुई जांच में सामने आया कि इनमें से 95 फीसदी आरोपी परिचित ही निकले हैं।
एनसीआरबी के जारी आंकड़ों के मुताबिक, पूरे देश में 2020 में बलात्कार के प्रतिदिन औसतन करीब 77 मामले दर्ज किए गए। पिछले साल दुष्कर्म के कुल 28,046 मामले दर्ज किए गए। देश में राजस्थान के बाद रेप मामलों में दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश का नाम आया है।
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में महिलाओं के विरूद्ध अपराध के मामलों में से 28,046 बलात्कार की घटनाएं थी जिनमें 28,153 पीड़िताएं हैं। पिछले साल कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लगाया गया था. उसने बताया कि कुल पीड़िताओं में से 25,498 वयस्क और 2,655 नाबालिग हैं। एनसीआरबी के गत वर्षों के आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में बलात्कार के 32,033, 2018 में 33,356, 2017 में 32,559 और 2016 में 38,947 मामले थे।
पिछले साल बलात्कार के सबसे ज्यादा 5,310 मामले राजस्थान में दर्ज किए गए। इसके बाद 2,769 मामले उत्तर प्रदेश में, 2,339 मामले मध्य प्रदेश में, 2,061 मामले महाराष्ट्र में और 1,657 मामले असम में दर्ज किए गए। आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में बलात्कार के 997 मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले साल महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल मामलों में से, सबसे ज्यादा 1,11,549 ‘पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता’ की श्रेणी के थे जबकि 62,300 मामले अपहरण के थे।
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