मुश्किल में पड़ें एनसीबी ऑफिसर समीर वानखेड़े, एनसीबी डीजी ने दिए जांच के आदेश

समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 25अक्टूबर। लगातार अपने बेहतरीन कार्य के कारण चर्चा में एनसीबी ऑफिसर समीर वानखेड़े मुश्किलों में घिरते हुए नजर आ रहे है। आर्यन केस में अब उनपर रिश्वत लेने का आरोप लगाया जा रहा है जिसके बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डीजी ने मामलें की जांच करने के लिए आदेश जारी कर दिया है।
दरअसल आर्यन खान के ड्रग्स मामलें में हाल ही में उनपर एक के बाद एक आरोपों के बाद अब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डीजी ने उनके खिलाफ इंटरनल इंक्वायरी का आदेश जारी किया गया है। अब समीर वानखेडे के खिलाफ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की विजिलेंस टीम जांच करेगी। हालांकि समीर वानखेड़े ने कहा है कि वो जांच के लिए तैयार हैं।

इस जांच के आदेस के बाद एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े की मुश्किलें अब दो तरफा बढ़ने वाली हैं। उनके खिलाफ जहां एक तरफ खुद एनसीबी की तरफ जांच की जाएगी, वहीं अब प्रभाकर सैल के हलफनामे के बाद मुंबई पुलिस भी उनके खिलाफ एक्सटॉर्शन के आरोपों के तहत जांच शुरू कर सकती है । बता दें कि प्रभाकर सैल सोमवार की सुबह मुंबई के कमिश्नर ऑफिस पहुंचे थे और वहां से उन्हें अंधेरी क्राइम ब्रांच की तरफ ले जाया गया है।

बता दें कि प्रभाकर सैल ने एनसीबी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कोर्ट में एफिडेविट भी दिया है जिसमें कहा गया है कि एनसीबी की तरफ से शाहरुख खान के बेटे पर केस न बनाने के लिए दूसरे पंच किरण गोसावी के जरिए रिश्वत मांगी गई थी। उन्होंने दावा किया कि 25 करोड़ रुपये की डीलिंग हुई थी। इसमें एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेडे को 8 करोड़ रुपये देने की बात उन्होंने फोन पर सुनी थी।

हालांकि समीर वानखेडे ने इन आरोपों को दुखद और निंदनीय करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह एफिडेविट एनडीपीएस कोर्ट में है, इसलिए वहीं इसका जवाब देंगे।

प्रभाकर का दावा है कि रेड के वक्त गोसावी तो अंदर थे, लेकिन वे बाहर थे। बाद में एनसीबी ऑफिस ले जाकर प्रभाकर से 10 सादें कागजों पर दस्तखत कराया। इसके बाद गोसावी किसी सैम डिसूजा से मिले। उन्होंने कहा कि गोसावी को सैम से फोन पर यह कहते सुना कि तुमने 25 करोड़ का बम रख दिया। चलो 18 पर फाइनल करते हैं क्योंकि हमें 8 करोड़ समीर वानखेडे को भी देने हैं।’

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