समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 27अक्टूबर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। योगी सरकार ने कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान कोविड प्रोटोकाल व लॉकडाउन उल्लंघन से जुड़े तीन लाख से अधिक दर्ज मुकदमे वापस लेगी। लेकिन, वर्तमान व भूतपूर्व सांसदों, विधायकों व विधान परिषद सदस्यों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस नहीं होंगे. इसके लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यूपी के विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि योगी सरकार के इस निर्णय से सामान्य नागरिकों को अनावश्यक अदालती कार्रवाई व फौजदारी प्रक्रिया की कार्रवाई से बड़ी राहत मिलेगी।
प्रमुख सचिव न्याय प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने मंगलवार को इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं. शासन ने अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था व अपर महानिदेशक अभियोजन आदि से इस संबंध में सूचना प्राप्त की है।
आपदा प्रबंध अधिनियम-2005, महामारी अधिनियम-1897 तथा भारतीय दंड संहिता की धारा-188, 269,270, 271 व इससे संबद्ध अन्य कम गंभीर अपराध की धाराओं से संबंधित पूरे प्रदेश में तीन लाख से अधिक अभियोग दर्ज किए गए हैं। अब प्रदेश सरकार और प्रशासन ने इन तीन लाख मुकदमों में से, जिनमें आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल हो गए हैं, उन्हें वापस लिए जाने की अनुमति दे दी है।
अधिकतम दो वर्ष तक की सजा तथा जुर्माने के प्राविधान से संबंधित पूरे प्रदेश में दर्ज मुकदमों को वापस लेने के लिए लोक अभियोजक को न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने की अनुमति दी गई है। प्रमुख सचिव न्याय ने प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-321 के प्रावधानों पर अमल करते हुए आवश्यक कार्रवाई कराने का निर्देश दिया है।
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