आयकर विभाग ने तमिलनाडु के नामक्कल के एक व्यापार समूह के मामले में 11 अक्टूबर, 2019 को छापेमारी की। यह समूह मुख्य तौर पर शैक्षणिक संस्थानों और एनईईटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग संस्थानों का संचालन करता है। इस समूह में कई साझेदारी फर्म और एक ट्रस्ट शामिल है जो करीबी लोगों के एक समूह द्वारा नियंत्रित है। इस छापेमारी अभियान में समूह के प्रवर्तकों के आवास सहित 17 परिसर शामिल थे। ये परिसर तमिलनाडु के नामक्कल, पेरुंदुरई, करूर और चेन्नई में स्थित हैं।
यह छापेमारी एक खुफिया जानकारी के आधार पर की गई जिसमें पता चला था कि समूह छात्रों से प्राप्त शुल्क की रसीदों को छुपाकर कर चोरी में लिप्त था। समूह छात्रों से नकद शुल्क लेता था और नियमित खातों उसे पूरी तरह दर्ज नहीं करता था। जबकि उन रसीदों को अलग-अलग खातों में दर्ज किया जाता था। छापेमारी के दौरान रसीदों को इस तरह छुपाने के सबूत मिले। इन सबूतों में खाते के विवरण वाली डायरी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और बेहिसाब नकदी शामिल हैं। जांच के दौरान पाया गया कि नकदी बैंकों के लॉकरों में बेनामी या कर्मचारियों के नाम पर रखी गई थी।
स्कूल के मुख्य परिसर स्थित एक सभागार के अंदर एक तिजोरी में पर्याप्त मात्रा में नकदी पाई गई। करीब 30 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी मिली और जब्त की गई है। निजी निवेश के तौर पर अचल संपत्तियां हासिल करने के लिए बेहिसाब रसीदों का उपयोग किया गया और बाद में अन्य शहरों में विस्तार के लिए उसे ट्रस्ट को दीर्घकालिक पट्टे पर दिया गया है। यह भी पाया गया कि अत्यधिक लागत पर शिक्षकों नियुक्त किया गया और उन्हें कोचिंग संस्थानों में तैनात किया गया है लेकिन उन्हें कम भुगतान किया जाता था। प्रारंभिक निष्कर्षों के आधार पर समूह की अघोषित आय 150 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है। छापेमारी अभी जारी है।
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