समग्र समाचार सेवा
कासगंज , 11 नवंबर। उत्तर प्रदेश में कासगंज के थाने में एक युवक अल्ताफ की कथित आत्महत्या के बाद राज्य में सियासी घमासान मचा हुआ है। दरअसल मामलें को लेकर पुलिस का कहना है कि अल्ताफ ने वॉशरूम जाने की इच्छा जताई तो उसे जाने दिया गया। यहां उसने अपनी जैकेट में लगी एक डोरी की मदद से बाथरूम के नल पर आत्महत्या कर ली। अब ‘टोंटी से फांसी’ लगाने की पुलिस की थ्योरी पर विपक्ष लगातार भाजपा की सरकार पर निशाना साध रहा है और पुलिस पर ही सवाल उठा रहा है। इस पर राज्य की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी विपक्षी पार्टियों पर हमलावर है। यूपी के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव को आड़े हाथ लिया है. सिद्धार्थ नाथ ने कहा, अखिलेश को टोटी का बड़ा ज्ञान है।
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने एक निजी मीडिया चैनल से बात करते हुए कहा, ‘विपक्ष इसे जबरन सांप्रदायिकता का रूप देने की कोशिश कर रहा है. यह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि एक मुस्लिम की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हुई है.’ उन्होंने कहा, ‘भारत में कहीं पर भी ऐसी कोई घटना होती है, तो उसकी जांच की जाती है. यहां मानवाधिकार भी अपना काम करता है. इस मामले में तो मृतक के पिता का एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें वो संतुष्ट नजर आ रहे हैं।
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने दावा किया कि मृतक के पिता के साथ किसी तरह की कोई जबरदस्ती नहीं हुई है. उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की जांच होगी और उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस कथित आत्महत्या पर सवाल खड़े किए हैं।
अखिलेश यादव को जवाब देते हुए सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, ‘अखिलेश यादव को टोंटी का बड़ा ज्ञान है. टोंटी के विषय में जितना वो जानते हैं, उतना किसी और को पता नहीं हो सकता. अखिलेश यादव अपना यह टोंटी ज्ञान फॉरेंसिक वालों को भी दें।’ दरअसल, बीजेपी साल 2017 से ही अखिलेश यादव पर उनके मुख्यमंत्री आवास छोड़ने से पहले टोंटी निकालकर ले जाने का आरोप लगाती रही है।
अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी ही नहीं समूचा विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार और पुलिस पर हमलवार हैं. बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने युवक की मौत को दुखद और शर्मनाक बताते हुए राज्य सरकार से घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने तथा दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है।
मायावती ने गुरुवार को ट्वीट किया, ‘कासगंज में पुलिस हिरासत में एक और युवक की मौत अति दुखद व शर्मनाक है. सरकार घटना की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों को सख्त सजा दे तथा पीड़ित परिवार की मदद करे. उत्तर प्रदेश सरकार हिरासत में आए दिन होने वाली मौतों को रोकने व पुलिस को जनता की रक्षक बनाने में विफल साबित हो रही है, जो अति चिन्ता की बात है।
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