समग्र समाचार सेवा
जयपुर, 29 नवंबर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने छह विधायकों की सलाहकार के रूप में नियुक्ति को लेकर उठे विवाद को देखते हुए स्पष्ट किया है कि इनमें से किसी को भी कैबिनेट मंत्री या राज्य मंत्री का दर्जा नहीं मिलेगा।
गहलोत ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम सरकार चला रहे हैं और हम जानते हैं कि किसे सलाहकार बनाया जा सकता है और किसे नहीं.
गहलोत ने कहा कि हमने अभी तक सलाहकारों को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया है क्योंकि हम कोई अनावश्यक विवाद नहीं चाहते हैं. लेकिन अगर मैं किसी की सलाह लूं, तो दिक्कत कहां हो सकती है? मैं किसी भी मुद्दे पर किसी से भी सलाह ले सकता हूं और किसी पत्रकार, साहित्यकार या किसी और को अपना सलाहकार बना सकता हूं।
गौरतलब है कि सीएम गहलोत ने छह विधायकों को मीडिया सलाहकार नियुक्त किया है। ये वो लोग थे जो कैबिनेट में जगह न मिलने से नाखुश थे.
हालांकि राजस्थान भाजपा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के छह मीडिया सलाहकारों की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए आपत्ति जताई थी।
मीडिया सलाहकार के रूप में नियुक्त किए गए लोगों में डॉ जितेंद्र सिंह, डॉ राजकुमार शर्मा, दानिश अबरार और तीन निर्दलीय, संयम लोढ़ा, बाबूलाल नागर और रामकेश मीणा शामिल हैं।
भाजपा के उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने कहा कि ये पद असंवैधानिक हैं और उन्होंने राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र को पत्र लिखकर नियुक्तियों पर सवाल उठाया है. राठौड़ ने मामले को कोर्ट तक ले जाने की चेतावनी भी दी है। उन्होंने कहा कि सीएम ने निराश लोगों को खुश करने के लिए अभी पोस्ट बांटी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191ए के अनुसार विधानसभा में बिना कानून पारित किए लाभ के लिए सलाहकारों की नियुक्ति असंवैधानिक है और ऐसी नियुक्तियां कभी नहीं की जा सकतीं।
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