समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10 दिसंबर। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत अपनी के साथ आज पंचतत्वो में विलीन हो गए शुक्रवार को शाम 5 बजे पूरे राजकीय सम्मान के साथ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका का अंतिम संस्कार बरार स्क्वायर में किया गया जहाँ उनकी दोनों बेटियों ने पिता एवं माँ दोनों को एक साथ मुखाग्नि दी। इस दौरान सेना के द्वारा 17 तोपों की सलामी देते हुए जनरल रावत को सर्वोच्च सैन्य सम्मान से नवाजा गया।
जनरल रावत के अंतिम संस्कार की रस्मे उनकी बेटियों ने पूरी कर देश के सामने एक और साहस की मिशाल पेश की हैं। दोनों बेटियों के द्वारा पूरे रीती रिवाज के साथ अपने और माता की अंतिम रस्मो को पूरा किया गया। इससे पहले अंत्येष्टि के लिए सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव देह को तीनो सेनाओ के अधिकारियो के द्वारा कन्धा दिया गया। देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह द्वारा आखिरी बार जनरल रावत को श्रद्दांजलि दी गई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन और भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस सहित कई अन्य लोगों ने श्मशान में जनरल रावत और उनकी पत्नी को श्रद्धांजलि दी।
कई देशों के रक्षा अधिकारियों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार सीडीएस को 17 तोपों की सलामी दी गई।
2233 फील्ड रेजिमेंट की एक औपचारिक बैटरी ने बंदूक गाड़ी प्रदान की। सीडीएस के सैन्य अंतिम संस्कार के लिए लगभग 800 सेवाकर्मी उपस्थित थे।
जनरल रावत और उनकी पत्नी की अंतिम यात्रा ‘जब तक सूरज चंद रहेगा, रावत जी का नाम रहेगा’ के नारों के बीच शुरू हुई।
भारत के पहले सीडीएस के रूप में, उन्हें तीन सेवाओं के बीच थिएटर कमांड और संयुक्तता लाने का काम सौंपा गया था, और वे पिछले दो वर्षों में एक कठिन दृष्टिकोण और विशिष्ट समयसीमा के साथ इन्हें आगे बढ़ा रहे थे।
लोगों को सम्मान देने की अनुमति देने के लिए, अंतिम संस्कार से पहले उनके शवों को उनके आधिकारिक आवास पर रखा गया था।
इससे पहले दिन में, उनके सरकारी आवास 3, कामराज मार्ग के ठीक बाहर जमा हुए कई लोगों ने ‘भारत माता की जय’, ‘जनरल रावत अमर रहे’ और ‘उत्तराखंड का हीरा अमर रहे’ के नारे लगाए। अंतिम संस्कार के जुलूस के बंगले से निकलने तक पुष्पांजलि और अंतिम श्रद्धांजलि दी।
जनरल रावत की दो बेटियों ने अपने माता-पिता के ताबूतों को बंदूक की गाड़ी में ले जाने से पहले पारंपरिक अनुष्ठान किए।
गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कई अन्य गणमान्य लोगों ने शुक्रवार को जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया।
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