समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21 दिसंबर। सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में एक बयान में कहा कि पिछले दो वर्षों में भारतीय वायु सेना के सात विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं।
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने सदन में एक सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा, “पिछले दो वर्षों में वायुसेना के कुल सात विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं, जिसमें मिराज 2000 भी शामिल है, जो हाल ही में मध्य प्रदेश में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था।”
भट्ट ने कहा कि भारतीय वायुसेना में हर विमान दुर्घटना की जांच कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (सीओआई) द्वारा की जाती है ताकि दुर्घटना के कारणों का पता लगाया जा सके।
मंत्री ने कहा, “पूरी हुई कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की सिफारिशों को लागू किया जाता है। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के पूरा होने के बाद ही नुकसान की मात्रा को अंतिम रूप दिया जाता है।”
एक अलग सवाल के जवाब में भट्ट ने कहा कि स्वदेश में विकसित तेजस विमान को मिग-21 लड़ाकू विमानों की जगह नहीं बल्कि भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण के हिस्से के तौर पर शामिल किया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि 30 सितंबर तक 24 तेजस जेट के निर्माण पर 6,653 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
भट्ट ने कहा कि 123 तेजस लड़ाकू विमानों का निर्माण किया जाना है और आगे का उत्पादन सेवाओं की आवश्यकता के साथ-साथ संभावित निर्यात पर निर्भर करता है।
एक अन्य सवाल के जवाब में कि क्या सरकार युवाओं के लिए अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण का प्रस्ताव करने की योजना बना रही है, उन्होंने कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है।
उन्होंने कहा, “हमारे सशस्त्र बलों के पास बड़ी संख्या में स्वयंसेवक हैं और पर्याप्त संख्या में स्वयंसेवकों की भर्ती करने में कोई समस्या नहीं है। इसलिए देश के सभी सक्षम व्यक्तियों को अनिवार्य रूप से सैन्य प्रशिक्षण देने की आवश्यकता नहीं है।” कहा।
रूस के साथ एके-203 राइफल अनुबंध के बारे में पूछे जाने पर भट्ट ने कहा कि भारत-रूस संयुक्त उद्यम को अग्रिम भुगतान करने के 10 महीने के भीतर 35,000 तोपों की पहली खेप की आपूर्ति की जानी है।
मंत्री ने कहा, “भारत-रूसी राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (आईआरआरपीएल) से 6,01,427 असॉल्ट राइफल्स (एके-203) की मात्रा की खरीद के अनुबंध पर छह दिसंबर को हस्ताक्षर किए गए हैं।”
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