समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24 जनवरी। भड़काऊ भाषण देने के एक मामले में शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा चलेगा। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह समेत आईपीसी की अन्य कई धाराओं में आरोप तय किए। न्यायाधीश अमिताभ रावत ने आईपीसी की धारा 124A (राजद्रोह), 153A (धर्म के आधार पर समूहों में वैमनस्यता फैलाना), 153B (देश की अखंडता के खिलाफ बयान देने), 505 (शरारत भरे बयान) के अलावा धारा 13 (गैरकानूनी गतिविधियों के लिए सजा) के तहत आरोप तय किए। मामला नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ राजधानी के जामिया इलाके और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने से जुड़ा है।
2020 में दर्ज हुई थी एफआईआर
इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 2020 में एफआईआर दर्ज की थी। बाद में उसमें यूएपीए की धाराएं भी जोड़ी गईं। एफआईआर के अनुसार, कथित भड़काऊ भाषण दो जगहों पर दिए गए। 13 दिसंबर 2019 को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में शरजील इमाम ने भाषण दिया। इसके बाद 16 जनवरी 2020 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में। शरजील इमाम जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में है।
दिल्ली में दंगे भड़काने का भी आरोप
जामिया में 13-14 दिसंबर, 2019 को हुई हिंसा को लेकर जामिया नगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने 25 जुलाई, 2020 को मामले में आरोप-पत्र दायर किया था। आरोप-पत्र में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 13 भी जोड़ी गई। इस मामले के अलावा, इमाम पर फरवरी 2020 के दंगों का मास्टरमाइंड होने का भी आरोप है, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हो गए थे।
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