संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए उप्र सरकार नया कानून लाएगी!
समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 19 फरवरी। सीएए प्रदर्शनकारियों के हिंसक प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद यूपी सरकार ने 274 नोटिस वापस ले लिए, लेकिन लखनऊ, प्रयागराज और मेरठ में गठित तीनों क्लेम ट्रिब्यूनल के जरिए यह वसूली जारी रहेगी। सरकार ने उप्र लोक एवं निजी संपत्ति वसूली अधिनियम 2020 के तहत लखनऊ, मेरठ और प्रयागराज में क्लेम ट्रिब्यूनल बनाए थे।
उप्र सरकार ने कोर्ट में क्या कहा?
यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दी कि उप्र लोक एवं निजी संपत्ति वसूली अधिनियम 2020 के तहत की गई कार्रवाई और वसूली के बाद प्रदेश में विरोध प्रदर्शनों के दौरान सरकारी व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं न के बराबर हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को ताजा नोटिस नए अधिनियम के तहत जारी करने की अनुमति दी है। गृह विभाग के मुताबिक प्रदेश में राजनैतिक जुलूसों, अवैध प्रदर्शनों, हड़ताल, बंद की वजह से संपत्तियों के नुकसान की वीडियोग्राफी कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
अब तक 22.37 लाख की हुई वसूली
सीएए हिंसा के दौरान प्रदेश भर में करीब 1.94 करोड़ रुपये की राजकीय संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था, जिस पर जिला प्रशासन की तरफ से 23 मामलों में एक करोड़ 77 लाख 81 हजार 815 रुपये की रिकवरी का आदेश जारी हुआ था। अभी तक 16 मामलों में 22 लाख 37 हजार 851 रुपये की वसूली की जा चुकी है। बाकी मामलों में यह प्रक्रिया जारी है। सीएए हिंसा के दौरान प्रदेश भर में कुल 502 मुकदमे दर्ज किए गये थे। इसमें से करीब 400 मामलों में चार्जशीट लगाई जा चुकी है जबकि 69 मामलों में अदालत में अंतिम रिपोर्ट दाखिल की गई है।
सरकार बोली, रिफंड से गलत संदेश जाएगा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूपी में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों से रिकवर किया गया पैसा वापस किया जाए। यूपी सरकार की अडिशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने कहा कि प्रदर्शनकारियों और सरकार को इस बात की इजाजत देनी चाहिए कि वे क्लेम ट्रिब्यूनल के सामने जाएं। मामले में रिकवर रकम वापस करने का आदेश नहीं दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिकवरी नोटिस वापस हो चुका है और कार्रवाई खत्म हो गई है। ऐसे में रिफंड करना होगा। यूपी सरकार की वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने रिफंड का जो आदेश पारित किया है, उससे गलत संदेश जाएगा। अगर रिफंड का आदेश होगा तो यह मेसेज जाएगा कि सरकारी संपत्तियों को नुकसान के मामले में कार्रवाई नहीं हुई। मामले में यथास्थिति रखी जाए।
कोर्ट ने कहा, नए कानून में कार्रवाई कर सकते हैं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार 2021 के नए कानून के तहत कार्रवाई के लिए आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्र है। यूपी सरकार को इस बात की इजाजत है कि वह प्रदर्शनकारियों के खिलाफ नए कानून यूपी रिकवरी ऑफ डैमेज टु प्रॉपर्टी एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी एक्ट 2021 के तहत कार्रवाई कर सकती है।
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