समग्र समचार सेवा
रांची, 21 फरवरी। डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में दोषी ठहराए गए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को आज सीबीआइ की विशेष अदालत ने 5 साल की सजा सुना दी है। 60 लाख जुर्माना लगाया गया है। अनुमान के मुताबिक आज सोमवार को दोपहर करीब 2 बजे सजा की घोषणा की गई। लालू यादव के अलावा चारा घोटाला के इस बड़े मामले में 37 अन्य दोषियों को भी सजा सुनाई गई है।
लालू प्रसाद यादव इस समय रांची रिम्स में इलाजरत
सीबीआई के जज एस के शशि ने इन दोषियों को सजा सुनाई। इससे पूर्व सभी दोषियों ने ऑनलाइन कोर्ट में हाजिरी लगाई। लालू प्रसाद यादव इस समय रांची रिम्स में इलाजरत हैं। यहां पर होटवार जेल प्रशासन की ओर से उन्हें एक लैपटाप उपलब्ध कराया गया था। इसी लैपटाप के सहारे लालू यादव ने अपनी सजा सुनी। सजा सुनाए जाने से पहले लालू प्रसाद की ओर से उनके वकील प्रभात कुमार ने अदालत में बहस की। उन्होंने कहा कि लालू यादव की उम्र 75 साल हो गई है। लालू को कुल 17 तरह की बीमारियां है। बीपी और शुगर का भी हवाला दिया। अदालत से उन्होंने कम से कम सजा देने की मांग की। उधर सीबीआई के वकील ने बहस करते हुए सभी दोषियों को अधिक से अधिक सजा देने की मांग की।
लालू यादव ने रांची रिम्स में लैपटाप पर सुनी सजा
उधर, जेल प्रबंधन ने होटवार जेल में भी पुख्ता प्रबंध कर रखा था। वहां वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम में बारी-बारी सभी दोषी पेश किए गए। सीबीआई अदालत ने उन्हें सजा सुनाई। वहीं लालू यादव ने रांची रिम्स के पेइंग वार्ड में सजा सुनी। मालूम हो कि 15 फरवरी को सीबीआइ अदालत ने इन सभी को चारा घोटला मामले में दोषी ठहराया था। 15 फरवरी को अदालत ने 35 अभियुक्तों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई थी। वहीं, 24 अभियुक्तों को कोर्ट ने बरी कर दिया था। शेष दोषियों को आज सजा सुनाई गई।
75 साल उम्र व 17 तरह की बीमारियां
इससे पहले सीबीआई कोर्ट के जज एसके शशि ने सजा के बिंदु पर सुनवाई पूरी की। कई लोगों की ओर से कहा गया कि इस मामले में ट्रायल 26 साल तक चला है जो अपने आप में एक सजा है। वही बीमारी और उम्र के कारण लोगों पर अदालत रहम करते हुए कम से कम सजा सुनाए। लालू यादव की ओर से अधिवक्ता देवर्षि मंडल और प्रभात कुमार ने अदालत को बताया कि लालू की उम्र 75 साल हो गई है और उन्हें 17 तरह की बीमारियां हैं। बीपी और शुगर हमेशा बढ़ा रहता है। एक अन्य बीमारी है जिसके चलते उनका अंग सुना पड़ जाता है। इसलिए उन्हें कम से कम सजा दी जाए।
लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के चार मामलों में हो चुकी है पहले सजा
मालूम हो कि लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के अन्य चार मामलों में सजा हो चुकी है। उनको देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में 3.5 साल की सजा सुनाई गई थी। वहीं, दुमका कोषागार से अवैध राशि की निकासी मामले में उनको 5 साल की सजा हो चुकी है। इसी तरह चाईबासा कोषागार से निकासी के एक मामले में उन्हें 5 साल और इसी कोषागार दूसरी अवैध निकासी के मामले में उन्हें 7 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। लालू प्रसाद यादव अपनी कुल सजा का आधा से अधिक समय जेल में गुजार चुके हैं। इसी आधार पर उन्हें जमानत दी गई थी। अब देखना यह है कि आज सीबीआइ की विशेष अदालत लालू प्रसाद यादव को डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में कितने साल की सजा सुनाती है। दोपहर 12:00 बजे तक तस्वीर साफ हो जाने की उम्मीद है। जेल प्रशासन लैपटॉप और इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ जेल में रांची रिम्स में मुस्तैद है।
रिम्स के पेइंग वार्ड के आसपास पसरा सन्नाटा, नहीं नजर आ रहे राजद कार्यकर्ता और नेता
भारतीय राजनीति में किंग मेकर और गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले लालू प्रसाद यादव आज रिम्स के जिस पर पेइंग वार्ड में इलाजरत हैं, उसके आसपास राजद कार्यकर्ताओं का कहीं अता-पता नहीं है। रिम्स के पेइंग वार्ड वाली बिल्डिंग के आसपास पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है। कहीं कोई राजद कार्यकर्ता आज उनसे मिलने या उनकी एक झलक पाने के लिए यहां नजर नहीं आ रहा है। मालूम हो कि जब 15 फरवरी को लालू प्रसाद यादव को सीबीआइ की विशेष अदालत की ओर से फैसला सुनाया गया था, दोषी ठहराया गया था, उस दिन अच्छी संख्या में राजद के कार्यकर्ता रांची में मौजूद थे। राजद के कार्यकर्ता उस दिन जमकर लालू यादव के पक्ष में नारेबाजी कर रहे थे। जेल का फाटक टूटेगा, लालू यादव छूटेगा… जैसे नारे उनके दिग्गज नेता लगा रहे थे। लेकिन आज नजारा कुछ और है। लालू प्रसाद को सजा सुनाने की घड़ी जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, रिम्स के पेइंग वार्ड के आसपास सन्नाटा और गहराता जा रहा है।
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