पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे मनमोहन सरकारः ध्रमेंद्र प्रधान

समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 2 मार्च। केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बुधवार को देश में पेट्रोल, डीजल के दाम में हो रही वृद्धि के लिये पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाले यूपीए शासन को जिम्मेदार ठहराया। धर्मेन्द्र प्रधान ने यूपीए सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पिछली सरकार ने पुनर्भुगतान के लिए करोड़ों के तेल बांड छोड़े थे। मौजूदा सरकार को अपने ब्याज के साथ बांड का भुगतान करना है, जिससे पेट्रोल की दरों में वृद्धि हुई है।

कच्चे तेल को भी माना एक वजह

उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ने के पीछे पुरानी सरकारों के कामकाज के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी भी है। इससे घरेलू बाजार में भी दाम बढ़ गये जिसका उपभोक्ताओं पर नकारात्मक असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि भारत में ईंधन की कीमतों में वृद्धि के पीछे एक मुख्य कारण यह है कि हमें अपने द्वारा उपभोग किए जाने वाले तेल का 80 फीसदी आयात करना पड़ता है।”

कांग्रेस के शासन काल का खामियाजा भुगतना पड़ रहा

प्रधान ने कहा, “अर्थशास्त्रियों ने एक मुद्दा उठाया है कि कांग्रेस ने पुनर्भुगतान के लिए करोड़ों के तेल बांड छोड़े थे, जिसके कारण हमें अब इसका ब्याज और इसकी मूल कीमत दोनों चुकानी पड़ रही है, यह भी ईंधन की कीमतों में वृद्धि का एक बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन काल का खामियाजा आज हमें भुगतना पड़ रहा है।

बार-बार बढ़ रही कीमतों पर क्या बोले प्रधान

तेल मंत्री ने बार-बार भारत में ईंधन की दरों में बढ़ोतरी के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमत को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने इससे पहले कहा था कि यह जीएसटी परिषद को तय करना है कि क्या ईंधन को माल और सेवा कर के तहत लाया जाना चाहिए, जो कई लोगों का मानना है कि कीमतों में काफी कमी आएगी। गौरतलब है कि केंद्र पेट्रोल पर 32.90 रुपये और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क लेता है।

2005 से 2010 के बीच कंपनियों को ₹1.4 लाख करोड़ के तेल बांड जारी

प्रधान ने कहा कि यूपीए सरकार ने 2005 से 2010 के बीच कंपनियों को ₹1.4 लाख करोड़ के तेल बांड जारी किए। उन्होंने कहा कि इस साल करीब 10,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड मैच्योर होंगे। पिछले एक दशक में तेल बांड पर सालाना ब्याज भुगतान लगभग ₹10,000 करोड़ रुपये रहा है। लेकिन पिछले सात वर्षों में अब तक बांड मोचन सिर्फ ₹3,500 करोड़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, पेट्रोल और डीजल पर कर और अधिभार से केंद्र सरकार की आय वित्त वर्ष 2011 में 3 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रही।

ये हैं आज पेट्रोल की कीमतें

एक लीटर पेट्रोल आज दिल्ली में 97.50 रुपये पर बिक रहा है, जबकि डीजल की कीमत 88.23 रुपये है। वहीं मुंबई में, पेट्रोल की कीमत 103.63 रुपये प्रति लीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। देश की आर्थिक राजधानी में अब डीजल की कीमत ₹95.72 प्रति लीटर है। दूसरी ओर चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 98.65 प्रति लीटर और डीजल 92.83 प्रति लीटर है।

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