पाकिस्तानी छात्रा ने प्रधानमंत्री मोदी को क्यों कहा शुक्रिया, बांग्लादेश भी हुआ भारत का दीवाना

समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 9 मार्च। जंग के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों व अन्य देशों के लोगों को निकालने में भारत अहम भूमिका निभा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी की पहल पर पुतिन व जेलेंस्की जंग रोक कर मानवीय गलियारे से लोगों को सुरक्षित निकालने का मौका दे रहे हैं। वहां फंसे कई पाकिस्तानी भी कीव स्थित भारतीय दूतावास की मदद लेकर निकल रहे हैं। ये लोग भारत का आभार जता रहे हैं।

आसमा शफीक को भी भारतीय दल ने यूक्रेन से सुरक्षित निकाला

ऐसी की एक पाकिस्तानी युवती आसमा शफीक को भी भारतीय दल ने यूक्रेन से सुरक्षित निकाल लिया है। वह जल्द स्वदेश लौटेंगी। इस मदद के लिए आसमा ने पीएम मोदी व भारतीय दूतावास का आभार माना है। आसमा ने कहा,  ‘मेरा नाम आसमा शफीक है। मैं कीव में स्थित भारतीय दूतावास की शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने हमें हरसंभव मदद की। हम यहां बहुत कठिन परिस्थिति में फंस गए थे। मैं भारत के प्रधानमंत्री की भी शुक्रगुजार हूं कि उनकी बदौलत हम यहां से निकल पाए, मदद करने के लिए लिए आपका धन्यवाद।

आसमा युद्धग्रस्त इलाके में फंस गई थी

सूत्रों ने बताया कि आसमा शफीक को कीव स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने बचा लिया है। वह युद्धग्रस्त इलाके में फंस गई थी। वह भारी मुसीबतों का सामना कर रही थी। इसी बीच उसे भारतीय दूतावास से लोगों को सुरक्षित निकालने के प्रयासों का पता चला तो उसने भारतीय अधिकारियों से संपर्क किया। इस पर आसमा को भी अन्य भारतीयों के साथ निकालकर पश्चिमी यूक्रेन ले जाया जा रहा है। वह जल्द ही अपने परिवार तक पहुंच जाएगी।

भारत ने 9 बांग्लादेशियों को भी सुरक्षित निकाला,  हसीना ने कहा- थैंक्यू पीएम मोदी

भारतीय अधिकारियों ने ‘आपरेशन गंगा’ के तहत यूक्रेन से 9 बांग्लादेशियों को भी सुरक्षित निकाला है। इस पर बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताया है। इनके अलावा भारत ने नेपाली व ट्यूनीशिया के विद्यार्थियों को भी यूक्रेन में अपने बचाव अभियान के तहत सुरक्षित निकाला है। यूक्रेन में पिछले 13 दिनों से जंग जारी है। मंगलवार को कुछ घंटों के लिए युद्ध रोक कर मानवीय गलियारे से बड़ी संख्या में लोगों को निकाला गया। फंसे भारतीयों व अन्य लोगों को निकालने के लिए पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन व यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर चर्चा की थी। दोनों नेता इस पर कुछ घंटों के लिए जंग रोकने पर रजामंद हो गए थे। जंग के बीच कई बार संघर्ष रोक कर लोगों को निकाला गया है।

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