समग्र समाचार सेवा
पटना, 24 मार्च। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के सभी तीन विधायकों के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के एक दिन बाद मुकेश सहनी ने मंत्री पद छोड़ने से इनकार कर दिया है। विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी की ओर से विधान परिषद में भेजे गए मंत्री मुकेश सहनी मंत्री पद छोड़ने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फैसला लेना है।
वीआईपी बिहार में सत्ता की हिस्सेदार
वीआईपी बीजेपी और नीतीश कुमार की अगुआई वाली जेडीयू के साथ बिहार सरकार में हिस्सेदार है। पटना में गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा है और वह अंतिम सांस तक लड़ने के लिए तैयार हैं। सहनी ने बीजेपी में शामिल हुए अपने तीनों विधायकों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि बीजेपी अब सदन में सबसे बड़ी पार्टी हो गई है। उन्होंने भाजपा को भी बधाई दी।
मेरा इस्तीफा सीएम नीतीश कुमार का विशेषाधिकार
सहनी से जब मंत्री पद से इस्तीफे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ”मेरा इस्तीफा सीएम नीतीश कुमार का विशेषाधिकार है। इसलिए मैं वही करूंगा जो वह कहेंगे। सीएम नीतीश कुमार को यह फैसला करना है कि सरकार में कौन मंत्री होगा। यदि आप चाहें तो मुझे हटा दें।” बिहार के बीजेपी नेताओं पर आरोप लगाते हुए वीआईपी प्रमुख ने कहा कि उन्हें तोड़ने की शुरुआत से ही साजिश हो रही थी।
जब भी मैंने आगे बढ़ने की कोशिश की, मैं लोगों को खटकने लगा
सहनी ने कहा, ”जब भी मैंने आगे बढ़ने की कोशिश की। मैं लोगों को खटकने लगा। यूपी चुनाव लड़कर मैंने कोई गलती नहीं की है। मैं अपने लोगों के लिए अंतिम सांस तक लड़ता रहूंगा, लेकिन संजय जायसवाल ने बहुत झूठ बोला है।” उन्होंने कहा कि बिहार बीजेपी प्रमुख संजय जायसवा को वीआईपी-बीजेपी गठबंधन की जानकारी नहीं है और उन्होंने बहुत झूठ बोला है।
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