योगी कल करेंगे नए मंत्रियों के विभागों का बंटवारा!

समग्र समाचार सेवा

लखनऊ, 27 मार्च। योगी सरकार 2.0 की टीम के किस सदस्य को कौन सी जिम्मेदारी मिलेगी, अब हर जुबान पर यही चर्चा है। किस मंत्री को कौन सा विभाग मिलेगा, इसे लेकर शनिवार को नेताओं से लेकर अधिकारियों के बीच खूब अटकलें लगती रहीं। मंत्रियों की शिक्षा व उनके पूर्व अनुभवों को देखते हुए उन्हें अलग-अलग विभाग मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। माना जा रहा है कि विभागों का बंटवारा सोमवार को हो सकता है।

श्रीकांत शर्मा इस बार मंत्रिपरिषद का हिस्सा नहीं

पिछली सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे श्रीकांत शर्मा इस बार मंत्रिपरिषद का हिस्सा नहीं हैं। ऐसे में चर्चा है कि स्वतंत्र देव सिंह को ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। सतीश महाना के पास रहा औद्योगिक विकास विभाग नए मंत्री को दिया जाना है। माना जा रहा है कि अरविंद कुमार शर्मा को उनके पूर्व प्रशासनिक अनुभवों को देखते हुए औद्योगिक विकास का जिम्मा सौंपा जा सकता है।

भूपेंद्र चौधरी को दी जा सकती है बड़ी जिम्मेदारी

सुरेश राणा चुनाव हार चुके हैं, इसलिए गन्ना जैसे महत्वपूर्ण विभाग को लेकर संभावना जताई जा रही है कि इसकी जिम्मेदारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाले मंत्री भूपेंद्र चौधरी को दी जा सकती है। पर्यटन विभाग के स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्यमंत्री रहे नीलकंठ तिवारी को दोबारा मंत्रिपरिषद में मौका नहीं मिला है। संभावना जताई जा रही है कि यह विभाग पर्यटन नगरी आगरा से कैबिनेट मंत्री बनाए गए योगेंद्र उपाध्याय को दिया जा सकता है।

आशुतोष टंडन अब मंत्री नहीं है

आशुतोष टंडन अब मंत्री नहीं है। उनका नगर विकास विभाग वरिष्ठतम मंत्री सुरेश खन्ना को संसदीय कार्य के दायित्व के साथ एक बार फिर सौंपे जाने की संभावना है। स्वास्थ्य महकमें की जिम्मेदारी भी खन्ना को दी जा सकती है। प्रोटेम स्पीकर बनाए गए रमापति शास्त्री के पास रहे समाज कल्याण विभाग किसके हिस्से आयेगा, इसे लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं हैं।

सहयोगी दलों के दोनों मंत्रियों को भी ठीक-ठाक विभाग की जिम्मेदारी दी जाएगी

इसी तरह सहकारिता, श्रम, वन, आबकारी, चिकित्सा, ग्राम विकास, महिला कल्याण, जल शक्ति जैसे अहम विभागों के मंत्रियों के लिए भी अटकलें लगाई जाती रही। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर माना जा रहा है कि सहयोगी दलों के दोनों मंत्रियों को भी ठीक-ठाक विभाग की जिम्मेदारी दी जाएगी। पूर्व की सरकारों में मंत्री रहे कुछ कैबिनेट मंत्रियों को उनके अनुभवों को देखते हुए उन्हें पुराना विभाग ही दिया जा सकता है।

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