समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23 अप्रैल। मनी लांड्रिंग मामले में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने नवाब मलिक की अंतरिम जमानत की मांग को ठुकरा दिया है। शुक्रवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि वह इस स्टेज में मामले में दखल नही दे सकती है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने ये याचिका खारिज की है।
बांबे हाईकोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती
बता दें कि इससे पहले बांबे हाईकोर्ट ने भी मलिक को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने 15 मार्च के अपने आदेश में कहा था कि विशेष मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) अदालत का उन्हें हिरासत में भेजने का आदेश सिर्फ इसलिए अवैध या गलत नहीं हो जाता है कि वह उनके पक्ष में नहीं है।
ईडी ने दाखिल की चार्जशीट
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम से जुड़े मामले में गुरुवार को नवाब मलिक के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। ईडी के वकीलों ने कहा कि अदालत में 5000 पन्नों से अधिक का आरोप पत्र दाखिल किया गया है। उन्होंने कहा कि दाऊद इब्राहिम से जुड़े मामलों की विशेष अदालत दस्तावेजों के सत्यापन के बाद आरोपपत्र पर संज्ञान लेगी। गौरतलब है कि नवाब मलिक को ईडी ने दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लान्ड्रिंग मामले में 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं।
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