समग्र समाचार सेवा
कोलंबो, 12 मई। अपने इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में बुधवार को थोड़ी शांति रही। सोमवार और मंगलवार को हुई हिंसा में 9 लोगों के मारे जाने के बाद देश के कई हिस्सों में सेना तैनात की गई है। बुधवार देर रात राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने देश के नाम संदेश जारी किया। कहा कि नया प्रधानमंत्री और कैबिनेट इसी हफ्ते शपथ लेगी। देश के लोगों को अमन बनाए रखना होगा। हिंसा किसी कीमत पर सहन नहीं की जाएगी। लोगों को नफरत फैलाने से बचना चाहिए।
राष्ट्रपति का अहम ऐलान
राष्ट्रपति ने एक बेहद अहम ऐलान किया और इसके साफ मायने ये हैं कि सियासी तौर पर राजपक्षे परिवार जनता के गुस्से के सामने हथियार डाल चुका है। गोटबाया ने कहा कि मैं संविधान 19वें अनुच्छेद में संशोधन करने का अधिकार संसद को दूंगा। यही अनुच्छेद तकनीकि तौर पर राष्ट्रपति को तानाशाह जैसी शक्तियां देता है और इसको लेकर कई बार विवाद हुए, लेकिन राजपक्षे परिवार के सियासी रसूख के चलते वो मनमानी करता रहा।
मामले पर भारत की सफाई
बीते रोज राजपक्षे परिवार के भारत भाग आने की अफवाह भी गर्म रही। इंडिया ऐंबैसी ने इन खबरों को अफवाह और गलत करार दिया गया है। ऐंबैसी ने कहा कि हाल ही में मीडिया और सोशल मीडिया पर इस तरह की अफवाह फैलाई गई है कि कुछ राजनीतिक व्यक्ति और उनके परिवार भारत भाग गए हैं, जो कि सच नहीं है। वहीं, भारत की ओर से श्रीलंका में सेना भेजने की खबरों का भी खंडन किया।
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