हम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रोत्साहित करके उत्तरदायी सुधारों को लागू कर रहे हैं: निर्मला सीतारमन
‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को अब पूरे देश में प्रतिस्पर्धा और सहयोगी संघवाद की भावना से देखा जा रहा है: पीयूष गोयल
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1जुलाई। व्यापार सुधार कार्य योजना (बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान) के कार्यान्वयन के आधार पर आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना शीर्ष उपलब्धि हासिल करने वाले राज्य हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश लक्ष्य हासिल करने वाली श्रेणी में शामिल हैं, जबकि असम, छत्तीसगढ़, गोवा, झारखंड, केरल, राजस्थान और पश्चिम बंगाल को आकांक्षी श्रेणी में और अंडमान एवं निकोबार, बिहार, चंडीगढ़, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, नगालैंड, पुद्दुचेरी और त्रिपुरा को उभरते हुए व्यापार इकोसिस्टम्स श्रेणी में रखा गया है।
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने आज नई दिल्ली में व्यापार सुधार कार्य योजना (बीआरएपी 2020) के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के घोषणा की। यह बीआरएपी अभ्यास का पांचवा संस्करण है। ये घोषणाएं केन्द्रीय वाणिज्य, उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल, श्री अनुराग जैन, सचिव, डीपीआईआईटी तथा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति में की गई।
मूल्यांकन रिपोर्ट जारी होने के बाद श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि 1991 से सुधारों के स्वरूप में बदलाव आया है। अब जो सुधार हो रहे हैं वे उत्तरदायी हैं। 1991 में जो सुधार हमें कार्यान्वयन के लिए दिए गए थे उनके विपरीत अब सुधारों में कोई बाध्यता नहीं है। इनका उद्देश्य यह देखना है कि कार्य प्रणालियों में कैसे सुधार आएगा जिससे हमारे लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित होगा। सरकार के हर स्तर पर प्रोत्साहन का तत्व शामिल किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा प्रगति केवल सरकार द्वारा नहीं की जा सकती बल्कि इसमें उद्योग को बड़ी भूमिका निभानी है। उन्होंने वर्षों से व्यवसाय सुधार कार्य योजना के तहत कार्यान्वयन के मूल्यांकन ढांचे में किए गए परिवर्तनों की सराहना की।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस मूल्यांकन में साक्ष्य-आधारित से लेकर बहुभाषी प्रारूप में शत-प्रतिशत फीडबैक शामिल है। उन्होंने कहा कि इस बीआरएपी अभ्यास का उद्देश्य एक-दूसरे की श्रेष्ठ प्रथाओं से कुछ सीखने की संस्कृति को बढ़ावा देना और पूरी दुनिया में सबसे पसंदीदा निवेश स्थल के रूप में उभरने के लिए भारत के एकीकृत उद्देश्य के साथ प्रत्येक राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश में व्यापार के माहौल में सुधार लाना है।
प्रधानमंत्री ने 2014 में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में सुधार करने के बारे में जोर दिया था। उनका एक प्रमुख क्षेत्र यह भी था कि जब हम अपनी रैंकिंग में सुधार के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहे हों तो हमें राज्यों सहित सभी हितधारकों को उसमें शामिल करना चाहिए ताकि लोग अपने इकोसिस्टम में आने वाले अंतर और परिवर्तन को वास्तविक रूप में अनुभव कर सकें, जिससे जीवन आसान बनाने में मदद मिलेगी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में जो प्रक्रिया शुरू की गई थी उसने फल देना शुरू कर दिया है क्योंकि हम साथ-साथ चल रहे हैं। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के कुछ क्षेत्रों, कुछ शहरों और कुछ व्यवसायों तक ही सीमित होने के बजाय हम प्रतिस्पर्धी संघवाद और सहयोग की भावना के माध्यम से इसे पूरे देश में प्रतिबिंबित होते हुए देख रहे हैं।
डीपीआईआईटी के सचिव श्री अनुराग जैन ने कहा कि विभिन्न राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के बीच का अंतर इतना कम था कि उन्हें रैंक देने का कोई विशेष अर्थ नहीं था इसलिए उन्हें विभिन्न श्रेणियों में रखा गया था।
बीआरएपी 2020 में 15 व्यावसायिक नियामक क्षेत्रों जैसे सूचना तक पहुंच, एकल खिड़की प्रणाली, श्रम, पर्यावरण, भूमि प्रशासन एवं भूमि और संपत्ति के हस्तांतरण, उपयोगिता परमिट और अन्य को कवर करते हुए 301 सुधार बिंदुओं को शामिल किया गया। सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए 118 नए सुधारों को शामिल गिया गया है। सुधार कार्य सूची के दायरे का विस्तार करने के लिए पहली बार व्यापार लाइसेंस, हेल्थकेयर, लीगल मेट्रोलॉजी, सिनेमा हॉल, आतिथ्य सत्कार, फायर एनओसी, टेलीकॉम, मूवी शूटिंग और टूरिज्म जैसे 9 क्षेत्रों में व्याप्त 72 कार्य बिंदुओं के साथ क्षेत्रीय सुधार शुरू किए गए थे।
हमारा व्यापक उद्देश्य व्यावसायिक सुधार कार्य योजना के कार्यान्वयन में राज्यों के प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकन प्रणाली के माध्यम से एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के तत्व की शुरुआत करना है ताकि देश के निवेशकों में विश्वास को बढ़ावा मिले, व्यापार अनुकूल माहौल को प्रोत्साहन मिले और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ उपलब्ध हो। पिछले वर्षों से हटकर जहां राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को रैंक दिए गए थे, इस वर्ष उन्हें चार श्रेणियों में रखा गया है। ये श्रेणियां हैं शीर्ष उपलब्धि (टॉप अचीवर्स) हासिल करने वाले, लक्ष्य हासिल करने वाले (अचीवर्स), आकांक्षी (एस्पायरर्स) और उभरते व्यापार इकोसिस्टम्स। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों का मूल्यांकन करने का उद्देश्य राज्यों/ केंद्रशासित क्षेत्रों के बीच एक पदानुक्रम बनाना नहीं है, बल्कि एक ऐसा सक्षम ढांचा तैयार करना है जिसमें राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के बीच जानकारी को साझा किया जा सके और राष्ट्रव्यापी अच्छी प्रथाओं का पूरे देश में प्रसार हो सके। यह मूल्यांकन जमीनी स्तर पर वास्तविक उपयोगकर्ताओं/उत्तरदाताओं से प्राप्त उस फीडबैक को पूरा महत्व देता है जिन्होंने सुधारों के प्रभावी कार्यान्वयन के बारे में अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी थी।
डीपीआईआईटी 2014 से राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों का व्यापार सुधार कार्ययोजना (बीआरएपी) अभ्यास में निर्धारित सुधारों के कार्यान्वयन में उनके प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकन कर रहा है। अब तक वर्ष 2015, 2016, 2017-18 और 2019 के लिए राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों का मूल्यांकन जारी किया गया है।
इन सुधारों को लागू करने में राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों ने सराहनीय प्रसाय किए हैं और इस भावना के साथ डीपीआईआईटी ने राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किए गए अनुकरणीय सुधार उपायों को मान्यता देने और उनके पहचान करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को एक व्यापक श्रेणी-वार विभाजन में वर्गीकृत किया है ताकि कारोबारी माहौल में सुधार लाया जा सके।
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