समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11नवंबर।
बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम में एनडीए को 125 और महागठबंधन को 110 सीटें मिली हैं. इस परिणाम से सबसे तगड़ा झटका महागठबंधन के सीएम पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी आरजेडी को लगा है. चुनाव परिणाम से साफ है कि बिहार में तेजस्वी का खेल असदुद्दीन औवेसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने बिगाड़ा दिया है।
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भले ही महागठबंधन ने ओवैसी की पार्टी को ज्यादा गंभीरता से न लिया हो, लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद यह सबसे ज्यादा आरजेडी और कांग्रेस को ही खटक रही होगी. बिहार के ज्यादातर मुस्लिम वोट आरजेडी और कांग्रेस के साथ रहते थे, लेकिन इस बार AIMIM ने खेल बदल दिया. ओवैसी की पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव में 20 उम्मीदवार खड़े किए थे, जिनमें से 16 कैंडिडेट सीमांचल के इलाके में थे. इससे महागठबंधन को सीधा नुकसान हुआ है।
15 सीटों पर काटे महागठबंधन के वोट
ओवैसी की पार्टी ने 20 सीटों में 5 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि बाकी की 15 सीटों पर वोट काटकर महागठबंधन को बड़ा नुकसान पहुंचाया. AIMIM ने अमौर, कोचाधमान, बहादुरगंज, बैसी और जोकीहाट सीट पर बड़ी जीत दर्ज की. इनमें बैसी सीट आरजेडी का गढ़ मानी जाती है. यहां AIMIM के उम्मीदवार सईद रुकनुद्दीन ने जीत हासिल की, जबकि आरजेडी के हाजी अब्दुस सुभान को तीसरे नंबर पर रहे. बीजेपी के उम्मीदवार विनोद कुमार इसी सीट पर दूसरे नंबर पर रहे।
महागठबंधन के विकल्प के रूप में किया पेश
बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान AIMIM ने खुद को आरजेडी और कांग्रेस के विकल्प के रूप में पेश किया था. प्रचार के दौरान ओवैसी ने आरजेडी-कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने सीमांचल की अनदेखी का आरोप लगाया था. वहीं, महागठबंधन ने ओवैसी को बीजेपी की बी टीम बताते हुए वोटकटवा पार्टी होने का आरोप लगाया था. अब चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस ने माना कि सीमांचल में ओवैसी ने महागठबंधन को नुकसान पहुंचाया है।
…तो तेजस्वी के हाथ होती बाजी
जिन 20 सीटों पर AIMIM ने अपने प्रत्याशी उतारे थे, उनमें से अगर 15 सीटें ही महागठबंधन को मिल जातीं, तो चुनाव परिणाम तेजस्वी के नेतृत्व वाले महागठबंधन के पाले में होता. महागठबंधन को 110 सीटें मिली हैं. बहुमत का आंकड़ा 122 है।
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