समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12अगस्त। दूसरे देशों से आने वाले ईंधन पर भारत अपनी निर्भरता कम करना चाहता है. इसके लिए कई स्तर पर काम किया जा रहा है. एक तरफ इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ पेट्रोल में इथेनॉल की मात्रा बढ़ाने पर काम किया जा रहा है. इसके लिए भारत में अगले साल यानी अप्रैल 2023 से सेलेक्टेड पेट्रोल पंपों पर 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के साथ पेट्रोल की आपूर्ति शुरू होगी. हालांकि धीरे-धीरे इसको बढ़ाया जाएगा और कुछ समय बाद सभी पेट्रोल पंपों पर 20 प्रतिशत इथेनॉल वाला पेट्रोल मिलना शुरू हो जाएगा.
भारत ने इस साल जून में निर्धारित समय सीमा से पांच महीने पहले 10 प्रतिशत इथेनॉल के साथ मिश्रित पेट्रोल की आपूर्ति करने का अपना लक्ष्य हासिल कर लिया था. अब 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल को मिलाने का लक्ष्य रखा गया है.
मंत्री हरदीप पुरी ने कहा है कि 2025 तक पेट्रोल का पांचवां हिस्सा इथेनॉल से बनाया जाएगा. उन्होंने पीटीआई को बताया, “E20 पेट्रोल – 20 प्रतिशत इथेनॉल के साथ मिश्रित पेट्रोल – कुछ मात्रा में अप्रैल 2023 से उपलब्ध होगा और शेष 2025 तक कवर किया जाएगा.”
पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के जरिए देश 41,500 करोड़ रुपये से ज्यादा के विदेशी मुद्रा को बचा सकता है. इसके साथ ही 27 लाख टन के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम कर सकता है और साथ ही किसानों को 40,600 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान शीघ्रता से किया जा सकता है. वहीं बात करें 20 प्रतिशत एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल की आपूर्ति की तो इससे अनुमानित रूप से सालाना 4 अरब डॉलर की बचत होगी.
हाल ही में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) द्वारा 900 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बनाए गए एक प्लांट की उद्घाटन हुआ है. इसमें सालाना लगभग दो लाख टन चावल के भूसे को लगभग 3 करोड़ लीटर इथेनॉल में बदलने की क्षमता है. यह परियोजना हर साल लगभग तीन लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड समकक्ष उत्सर्जन के बराबर ग्रीनहाउस गैसों में कमी लाने में योगदान देगी. इसकी तुलना देश की सड़कों पर सालाना लगभग 63,000 कारों को हटाने से की जा सकती है.
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