यहां जानें भारत के TAPAS-BH-201ड्रोन और पाकिस्तान के तुर्की वाले ड्रोन की खूबियां

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24अगस्त। भारत और पाकिस्तान के बीच पुरानी दुश्मनी है। पाक आतंकवाद फैलाकर युद्ध लड़ने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान को इस काम में उसके दोस्त देश तुर्की से मदद भी मिल रही है। पिछले साल ही पाकिस्तान ने तुर्की से Baykar Bayraktar TB2 ड्रोन की खरीद की है। इस ड्रोन ने आर्मीनिया-अजरबैजान युद्ध और रूस-यूक्रेन युद्ध में अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। पाकिस्तान के पास इस खतरनाक ड्रोन के आने से भारत की भी चिंता बढ़ गई है। ऐसे में भारतीय रक्षा मंत्रालय अब स्वदेशी ड्रोन तकनीक के विकास पर ज्यादा ध्यान लगा रहा है।

कैसे शुरू हुआ तपस बीएच 201 ड्रोन का निर्माण
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तपस को एरियल सर्विलांस के लिए टैक्टिकल एयरबोर्न प्लेटफॉर्म-बियॉन्ड होराइजन-201 या TAPAS BH-201 के नाम से जाना जाता है। यह मीडियम एल्टिट्यूड पर लंबे समय तक उड़ने वाला भारत का स्वदेशी ड्रोन है। इसे भारत के एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट (एडीई) ने अमेरिका के जनरल एटॉमिक्स एमक्यू-1 प्रीडेटर ड्रोन की तर्ज पर विकसित किया है। तपस यूएवी की पहली उड़ान नवंबर 2016 में हुई थी। अक्टूबर, 2010 में DRDO के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि जनरल एटॉमिक्स MQ-1 प्रीडेटर को भारत के रुस्तम ड्रोन प्रोग्राम के लिए एक बैंचमार्क बताया था। जिसके बाद डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन ने तपस ड्रोन पर काम करना शुरू किया। जिस तरह अमेरिका ने जनरल एटॉमिक्स MQ-1 प्रीडेटर को निगरानी से लड़ाकू ड्रोन में बदला, वैसे ही भारत ने भी रुस्तम-एच का निर्माण किया है।

कितना ताकतवर है तपस बीएच 201 ड्रोन
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तपस बीएच 201 ड्रोन 350 किलोग्राम के पेलोड के साथ उड़ान भर सकता है। इसकी लंबाई 9.5 मीटर और पंखों की चौड़ाई 20.6 मीटर है। तपस ड्रोन का खाली वजन 1800 किलोग्राम है। इस ड्रोन को ताकत देने के लिए प्रोटोटॉइप में दो एनपीओ सैटर्न 36टी टर्बोप्रॉप इंजन को पंखों पर लगाया गया था। इसमें से प्रत्येक 100 हॉर्स पावर का ताकत देने में सक्षम थे। अब प्रोडक्शन में गए तपस ड्रोन में डीआरडीओ के व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट ( VRDE) के बनाए स्वदेशी इंजन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनमें से प्रत्येक इंजन 130 किलोवॉट या 180 हॉर्सपावर की ताकत दे सकता है। तपस ड्रोन की अधिकतम रफ्तार 224 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह ड्रोन 1000 किलोमीटर की रेंज में निगरानी और हमला कर सकता है। एक बार उड़ान भरने के बाद यह ड्रोन 24 घंटे तक अधिकतम 35000 फीट की ऊंचाई पर मंडरा सकता है।

तपस ने 28 हजार फीट की ऊंचाई पर 18 घंटे भरी उड़ान
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तपस-बीएच-201 ने हाल में ही 28,000 फीट की ऊंचाई पर 18 घंटे लगातार मंडराकर बड़ा कीर्तिमान स्थापित किया था। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ने लगभग 10 साल पहले 1,540.74 करोड़ रुपये की लागत मध्यम ऊंचाई पर लंबे समय तक मंडराने वाले ड्रोन पर काम करना शुरू किया था। लेकिन 2022 में इस प्रोग्राम का बजट बढ़ाकर 1,786 करोड़ रुपये कर दिया गया। TAPAS-BH-201 ने 16 नवंबर 2016 को दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में बेंगलुरु से 200 किमी दूर चल्लकेरे में पहली सफल उड़ान भरी थी। इसके बाद इस ड्रोन के टेक ऑफ, लैंडिंग और अन्य मापदंडों का कई बार परीक्षण किया गया। डीआरडीओ के वैज्ञानिक तापस के लिए स्वदेशी इंजन पर कोयंबटूर स्थित एक निजी फर्म के साथ भी काम कर रहे हैं। ड्रोन वर्तमान में ऑस्ट्रिया निर्मित ऑस्ट्रो इंजन द्वारा संचालित है, जो ट्विन टर्बोचार्जर के साथ आता है। इस ड्रोन के 75 फीसदी पुर्जे भारत में बने हैं। डीआरडीओ के वैज्ञानिकों का दावा है कि एक बार शामिल हो जाने के बाद, तापस विदेशों से खरीदे गए ड्रोन से लगभग आठ गुना सस्ता होगा।

तुर्की के बायरकटार टीबी-2 ड्रोन के बारे में जाने
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बायरकटार टीबी-2 ड्रोन को तुर्की की कंपनी बायरकटार डिफेंस बनाती है। इस कंपनी को तुर्की के राष्‍ट्रपति तैयप रेसेप एर्दोगान के दामाद सेल्कुक बायरकतार चलाते हैं। बायरकटार टीबी-2 मध्यम ऊंचाई पर लंबे समय तक उड़ने वाला ड्रोन है। इस ड्रोन को प्रारंभिक तौर पर तुर्की की सेना के लिए बनाया गया था। इस ड्रोन के विकास का श्रेय एमआईटी के छात्र रहे सेल्कुक बायरकतार को दिया जाता है। 26 नवंबर 2021 तक, TB2 ड्रोन ने वैश्विक स्तर पर 400,000 उड़ान-घंटे पूरे कर लिए थे। TB2 ड्रोन का सबसे बड़ा संचालक तुर्की सेना है, लेकिन एक एक्सपोर्ट मॉडल कई अन्य देशों की सेनाओं को बेचा गया है। तुर्की ने इराक और सीरिया में कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) और पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स (वाईपीजी) के ठिकानों पर हमले में बड़े पैमाने पर ड्रोन का इस्तेमाल किया है।

4000 किमी की रेंज में गश्त कर सकता है बायरकटार टीबी-2 ड्रोन
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तुर्की का बयरकतार TB2 हल्के हथियारों से लैस है। इसमें चार लेजर- गाइडेड मिसाइलें लगाई जा सकती हैं। इस ड्रोन को रेडियो गाइडेड होने के कारण 4000 किमी के रेंज में ऑपरेट किया जा सकता है। यह ड्रोन 150 किलोग्राम के हथियारों के साथ उड़ान भरने में सक्षम है। टीबी-2 ड्रोन एक बार उड़ान भरने के बाद 27 घंटे तक हवा में मंडरा सकता है। इस ड्रोन में 105 हॉर्स पावर के इंटरनल कंब्यूशन इजेक्शन इंजन लगे हुए हैं। बायरकटार TB2 ड्रोन 130 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 222 किलोमीटर प्रति घंटे तक की स्पीड से उड़ान भर सकता है। इतना ही नहीं, यह ड्रोन कुल 700 किलोग्राम के भार के साथ उड़ सकता है। इस ड्रोन के पंखों की चौड़ाई 12 मीटर और लंबाई 6.5 मीटर, जबकि जमीन से ऊंचाई 2.2 मीटर है। बायरकटार TB2 समुद्र की सतह से 18000 से 25000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है। इस ड्रोन में रीयल टाइम इमेजरी ट्रांसमिशन की सुविधा भी उपलब्ध है।

साभार- एजेंसीज

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