समग्र समाचार सेवा
पटना, 25अगस्त। जाति सूचक टिप्पणी के मामले मे अदालत ने लालू प्रसाद यादव को मामले से बाइज्जत बरी किया है। कोर्ट ने लगाए गए आरोप में साक्ष्यों के अभाव में बरी किया है। एसीजेएम 1 सह विशेष न्यायाधीश स्मिता राज की अदालत ने फैसला सुनाया है। दरअसल 27 सितंबर 2015 को लालू प्रसाद यादव ने एक सभा को संबोधित करते हुए जातिसूचक टिप्पणी की थी।
राघोपुर विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए एक आम सभा को संबोधित करने लालू प्रसाद यादव गंगाब्रिज थाना क्षेत्र के तेरसिया पहुंचे थे। आरोप है कि इस सभा मे लालू प्रसाद यादव ने जाती सूचक टिप्पणी किया था। आयोजित की गई सभा का वीडियो सामने आने के बाद तत्कालीन सर्किल इंस्पेक्टर निरंजन कुमार ने 29 सितंबर 2015 को लालू प्रसाद यादव पर गंगाब्रिज थाना में मामला दर्ज किया था। जिस में मुख्य रूप से तीन धाराएं लगाई गई थी।
जिस मामले में उन पर चार्ज फ्रेम किया गया था। वही 23 अप्रैल 2022 को एसीजेएम प्रथम सह विशेष न्यायाधीश स्मिता राज की अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी के बाद लालू प्रसाद यादव को इस मामले में जमानत दे दी थी। चुकी लालू प्रसाद तब ऑलरेडी कस्टडी में थे। इसलिए बीडीओ कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनकी पेशी के बाद ही बेल फाइल हो सकता था।
इसलिए पहले पेशी कराई गई। फिर बेल फाइल किया गया। वही 16 जून 2022 को लालू प्रसाद सशरीर आदल मे पेश हुए थे। इस दौरान लालु यदाव ने अपने ऊपर लगे आरोप को निराधार बताया था। लालू प्रसाद यादव की ओर से केस की पैरवी का जिम्मा एडवोकेट श्याम बाबू राय ने संभाला है।
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