
पवन कुमार बंसल।
ये गुलाम नबी आज़ाद गुलाम है या आज़ाद?
कभी कांग्रेस के क़द्दावर नेता रहे गुलाम नबी आज़ाद फिर चर्चा में है। जी -तेईस के बहाने कांग्रेस से बगावत करके अब कांग्रेस को अलविदा कह दिया।
एक पुराना किस्सा याद आया। सदन में सांसद खुर्शीद अहमद बोल रहे थे और गुलाम नबी आज़ाद बीच में बार बार टोका-टोकी कर रहे थे। कुछ देर ही खुर्शीद अहमद ने बर्दाश्त किया; लेकिन जब फिर भी गुलाम नबी की टोका-टोकी जारी रहे तो बोले स्पीकर सर में अपनी बात तो बाद में कह लूँगा।
“आप पहले इस बात का फैसला करे की ये गुलामनबी आज़ाद गुलाम है या आज़ाद। या तो ये गुलाम है या आज़ाद.क्योंकि एक साथ गुलाम और आज़ाद नहीं हो सकता।”
फिर तो एकदम हंसी का फौवारा छूट गया।
गुलाम नबीआज़ाद गुलाम भी है और आज़ाद भी।
लेकिन अब यह साबित हो गया है कि वो गुलाम और आज़ाद दोनों है। आज़ाद रहते कांग्रेस में मलाईदार पदों पर रहे। लेकिन जब वहा मलाई मिलनी बंद हुई तो अपने अद्रश्य आका नरेन्द्र मोदी के गुलाम हो गए।
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