समग्र समाचार सेवा
पटना, 13सितंबर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता निखिल मंडल ने सोमवार को ‘‘निजी कारणों” का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. वह जदयू के प्रवक्ता पद पर गत छह साल से अधिक समय से थे. पार्टी के सबसे कम उम्र के प्रवक्ताओं में शुमार मंडल ने अपने इस्तीफे की जानकारी ट्वीट करके दी.
निखिल मंडल ने अपने आधिकारिक लेटर हेड पर पार्टी नेतृत्व को भेजे गए पत्र का एक स्क्रीनशॉट भी शेयर किया।
मंडल का पत्र विशेष रूप से किसी को संबोधित नहीं है। मंडल ने पत्र में कहा है, ‘‘मैं जेडीयू के राज्य प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे रहा हूं. 31 जनवरी 2016 से मुझे यह पद सौंपने के लिए मैं आप सभी का आभारी हूं. कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार करें.”
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार से इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘अगर उन्होंने राजनीतिक कारणों से इस्तीफा दिया होता, तो मैं कुछ कह सकता था. चूंकि कारण व्यक्तिगत बताया गया है, इसलिए टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.”
इस बीच बिहार में सत्ता से बाहर हो चुकी भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने एक बयान जारी कर आश्चर्य व्यक्त किया कि क्या जेडीयू के प्रवक्ता राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन जिसमें राष्ट्रीय जनता दल भी शामिल का बचाव करने में असहज हैं.
गौरतलब है कि मंडल ने मधेपुरा से 2020 का विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन राजद के दिग्गज चंद्रशेखर से हार गए जो नई सरकार में शिक्षा मंत्री बने हैं.
आनंद ने यह भी रेखांकित करने की कोशिश की कि मंडल से बाहर निकलने से पहले जेडीयू ने दो अन्य प्रवक्ताओं सुहेली मेहता और अजय आलोक को पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह से उनकी कथित निकटता के कारण हटा दिया था.
सुहैली पार्टी में बनी हुई हैं जबकि आलोक को कई मुद्दों पर भाजपा की तरह राय रखने के कारण जेडीयू से निष्कासित कर दिया गया है.
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