गोवा में प्रस्तावित IIT कैंपस के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन

समग्र समाचार सेवा
पणजी, 13सितंबर। गोवा में प्रस्तावित आईआईटी कैंपस के खिलाफ में किसानों का हल्ला बोल जारी है. गोवा में प्रस्तावित आईआईटी यानी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान परिसर के खिलाफ किसानों ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया और दावा किया कि राज्य सरकार उनकी सहमति के बिना इसके लिए भूमि अधिग्रहण कर रही है. दक्षिण गोवा जिले के सांगुम इलाके में किसानों के विरोध-प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि कुछ लोगों को परियोजनाओं की बेवजह विरोध करने की आदत होती है.

पणजी में सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि जिस जमीन पर आईआईटी प्रस्तावित है, वह सरकार की है और वे सुनिश्चित करेंगे कि परियोजना के कारण किसी के साथ अन्याय न हो. दरअसल, राज्य के राजस्व अधिकारियों की टीम के प्रस्तावित आईआईटी गोवा परिसर के लिए भूमि का सीमांकन करने के लिए संगुम जाने के बाद किसानों ने विरोध-प्रदर्शन किया. पुलिस उपाधीक्षक नीलेश राणे के नेतृत्व में एक टीम ने किसानों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन उनका विरोध और भी बढ़ गया.

दरअसल, ये किसान प्रस्तावित आईआईटी के लिए अपनी जमीन नहीं देने पर अड़े हुए हैं. एक महिला किसान ने पुलिस को कि हम उस जगह पर धान की खेती कर रहे हैं, जहां सरकार आईआईटी गोवा परिसर के लिए जमीन अधिग्रहण करना चाहती है. हमें आईआईटी नहीं चाहिए. उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार उन किसानों की सहमति के बिना भूमि अधिग्रहण कर रही है, जो पीढ़ियों से इस पर फसल उगा रहे हैं. कुछ अन्य प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे स्थल पर सीमांकन प्रक्रिया को जारी नहीं रखने देंगे.

वहीं, एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि सांगुम पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ भूमि सीमांकन कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया है. इस बीच, मुख्यमंत्री सावंत ने कहा कि कुछ लोगों को परियोजनाओं का बेवजह विरोध करने की आदत है. जिस जमीन पर आईआईटी प्रस्तावित है वह सरकार की है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग सिर्फ जमीन पर कब्जा कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि लोगों को नकारात्मक मानसिकता से दूर रहना चाहिए. लोगों को किसी भी तरह के अन्याय का सामना न करना पड़े. यह हम सुनिश्चित करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई किराएदार है या उसके पास (भूमि) स्वामित्व साबित करने के लिए कोई दस्तावेज है, तो वे इसे जिला कलेक्टर को जमा कर सकते हैं.

 

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