समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 23 सितंबर। गैंगस्टर एक्ट से जुड़े 23 साल पुराने एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को पांच साल जेल की सजा सुनाई।
2020 में, न्यायमूर्ति डी के सिंह ने एक विशेष एमपी-एमएलए अदालत द्वारा बरी करने का आदेश जारी किया।
अदालत ने अंसारी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
राज्य के वकील राव नरेंद्र सिंह के अनुसार, 1999 में लखनऊ में हजरतगंज पुलिस में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, और अंसारी को 2020 में एक विशेष अदालत ने बरी कर दिया था। 2021 में, राज्य ने बरी किए जाने के खिलाफ अपील दायर की।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राज्य सरकार की अपील को स्वीकार कर लिया और अंसारी को पांच साल जेल की सजा सुनाई।
एक अन्य मामले में मुख्तार अंसारी को बुधवार को जेलर को धमकाने और पिस्तौल तानने के मामले में सात साल की सजा सुनाई गई है।
2003 में, तत्कालीन लखनऊ जिला जेल जेलर एसके अवस्थी ने आलमबाग पुलिस में एक प्राथमिकी दर्ज की, जिसमें आरोप लगाया गया कि अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी का आदेश देने के लिए उन्हें धमकी दी गई थी।
अंसारी को भी इस मामले में निचली अदालत ने बरी कर दिया था।
मुख्तार अंसारी इस समय बांदा में कैद हैं।
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