गुस्ताखी माफ़ हरियाणा: एक शाम कुछ क्षण महामहिम बंगारू दत्रात्रेय के साथ
पवन कुमार बंसल।
एक शाम कुछ क्षण महामहिम बंगारू दत्रात्रेय के साथ।
हरियाणा की राजनीती पर मेरी किताब “हरियाणा के लालों के सबरंगे किस्से ” १४ दिसंबर २०२२ की शाम हरियाणा भवन दिल्ली में मैंने महामहिम को भेंट की। साढ़े पांच बजे शाम का समय तय था। लेकिन छह बजे तक महामहिम नहीं आये। हुआ यह की उन्हें गुरुग्राम युनिवर्सिटी में कार्यक्रम करके दिल्ली आना था लेकिन जाम में फंस गए। यह उनके ए डी सी मोहन कृष्ण का बड़ापन है की वो मुझे बार-बार सूचित करते रहे की हम जाम में फंसे है और शीघ्र पहुंच रहे है। आप कृपया प्रतीक्षा करे। महामहिम आये और पांच मिनट की मुलाकात में मेने उन्हें हरियाणा की राजनीती , नेताओ ,मीडिया और अफशरशाही के बारे बताया और कहा की यह किताब पढ़कर उन्हें यह सब समझने में मदद मिलेंगी यह भी बताया के किताब में हरियाणा के गवर्नर्स के बारे भी लिखा है। ।महामहिम को कही जाना था और वो लेट हो रहे थे। शायद वो हरियाणा भवन इसी लिए आये थे के उन्होंने मुझे मिलने का समय दे रखा था। काश हमारे नेता भी पत्रकारों को इतना सम्मान दे जितना महामहिम दत्तात्रेय जी ने दिया।
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