देश को अवैध धर्मांतरण के अभिशाप से दिलाएंगे मुक्ति: आलोक कुमार
सांसद संपर्क के बाद अब विहिप का धर्मांतरण के विरुद्ध देश व्यापी अभियान 21 दिसंबर से शुरू होगा
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20दिसंबर। देश में बढ़ती लव जिहाद व अवैध धर्मांतरण की घटनाओं से त्रस्त हिन्दू समाज अब इसके स्थाई समाधान का मार्ग ढूंढ रहा है। विश्व हिन्दू परिषद ने संत समाज के साथ देश के प्रत्येक मत-पंथ-संप्रदाय को साथ लेकर इसके विरुद्ध शंखनाद कर दिया है। विहिप के केन्द्रीय कार्याध्यक्ष व सीनियर एडवोकेट श्री आलोक कुमार ने आज घोषणा की कि विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता आगामी 21 दिसंबर से 31 दिसंबर तक सम्पूर्ण देश में ‘धर्म रक्षा अभियान” चलाकर ना सिर्फ छल-कपट, लोभ-लालच या बल पूर्वक हो रहे धर्मांतरण के प्रति देशवासियों को सजग करेंगे अपितु, राष्ट्र को इस कलंक से मुक्ति भी दिलाएंगे।
उन्होंने कहा कि 23 दिसंबर को स्वामी श्रद्धानंद जी के बलिदान दिवस को केंद्र में रखकर उनके शुद्धि आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे तथा हिन्दू समाज से किसी भी कारण से दूर हुए स्वजनों को स्वधर्म में वापसी के अभियान ‘परावर्तन’ को तेज करेंगे। अभियान के दौरान हवन-यज्ञ, कथा-प्रवचन, शोभा यात्राएं, गोष्ठियाँ, सद-साहित्य के वितरण के अतिरिक्त पद यात्राओं व प्रभात फ़ेरियों में पूज्य संतों की भागीदारी व मार्ग दर्शन, महिला-पुरुषों तथा बच्चों के विशिष्ट कार्यक्रमों के अतिरिक्त अनेक प्रतियोगिताएं व धर्म जागरण के कार्यक्रम होंगे।
आज नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए विहिप कार्याध्यक्ष ने बताया कि अभी तक 62 लाख हिंदुओं को हमने धर्मांतरण से बचाया है तथा 9 लाख को ससम्मान स्वधर्म में वापस लाकर उनका परावर्तन कराया है। लगभग 20 लाख गौवंश को काटने से तो वहीं 25 हजार बेटियों को लव जिहाद के चंगुल में फँसने से बचाया। उन्होंने कहा कि विहिप की स्थापना के दूसरे ही वर्ष में यानि 1966 के प्रथम विश्व हिन्दू सम्मेलन में 12 देशों के एक लाख से अधिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हुई ‘परावर्तन’ यानि स्वधर्म में वापसी की उद्घोषणा तथा उसके तीन वर्ष बाद ही 1969 में पू. जगद्गुरुओं द्वारा ‘हिंदवा: सोदरा सर्वे, ना हिन्दू पतितो भवेत’ की घोषणा ने समाज में नव ऊर्जा का संचार किया।
श्री आलोक कुमार ने बताया कि विश्व हिन्दू परिषद का इन दिनों देश भर के सांसदों से विशेष संपर्क का एक अभियान चलाया जा रहा है। गत 12 दिसंबर से प्रारंभ हुए इस 12 दिवसीय अभियान के दौरान संसद के दोनों सदनों के सांसदों से व्यक्तिगत संपर्क किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत विहिप के विशेष संपर्क विभाग के कार्यकर्ता उन्हें जन संख्या के असंतुलन, मंदिरों के सरकारी नियंत्रण से मुक्ति तथा धार्मिक तीर्थ-स्थलों की पवित्रता के लिए केंद्र व राज्यों में पृथक मंत्रालय बनाए जाने संबंधी बिंदुओं पर उनका ध्यान आकृष्ट कर रहे हैं। अभियान के प्रथम चरण में 4 महिलाओं सहित विहिप के कुल 74 कार्यकर्ता जुटे थे। गत 8 दिनों में 225 लोकसभा तथा 61 राज्य-सभा के सांसदों को मिलाकर सभी दलों के कुल 286 माननीय सांसदों से संपर्क हो चुका। कुछ मुस्लिम व ईसाई सांसदों से भी हमारी भेंट हुई। अभियान का दूसरा चरण कल से प्रारंभ हुआ है और आगामी शुक्रवार तक हम 450 से 500 सांसदों से भेंट कर लेंगे।
इस प्रेस वार्ता में विहिप के अखिल भारतीय धर्म-प्रसार प्रमुख श्री सुधांशु पटनायक व विशेष संपर्क प्रमुख श्री नरपत सिंह भी विशेष रूप से उपस्थित थे।
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