समग्र समाचार सेवा
पटना, 2जनवरी। बिहार मे जातीय जनगणना की शुरुआत सात जनवरी से होगी. पहले चरण में आवासीय मकानों की गिनती होनी है. इसकी शुरूआत पटना के वीआईपी इलाकों से होनी है, जहां अधिकारियों और विधायकों, मंत्रियों के आवास हैं. 7 जनवरी से प्रारंभ होने वाले जातीय गणना के पहले चरण में प्रत्येक मकान में नंबर डाला जाएगा. इसके आलावा घर के मुखिया का नाम और घर के सदस्यों का नाम लिखा जाएगा. 21 जनवरी तक आवासीय मकानों की गिनती होगी. बताया जाता है कि पटना जिले में कुल 45 प्रक्षेत्र बने हुए हैं. छह गणक खंड पर एक पर्यवेक्षक तैनात किए गए है, यानी 2116 पर्यवेक्षक प्रतिनियुक्ति किए गए हैं. सभी गणना कर्मियों को इसके लिए प्रशिक्षण दिया गया है.
पहले चरण में मकानों की गिनती पूरी होने के बाद दूसरे चरण में अप्रैल महिने में प्रत्येक मकानों में रहने वाले लोगों की सम्पूर्ण जानकारी भरी जाएगी. इसके तहत जाति, पेशा सहित 26 कॉलम का फॉर्म भरा जाएगा. उल्लेखनीय है कि पिछले साल जातीय गणना को लेकर बिहार की सियासत कुछ महीने गर्म थी. बिहार में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर देश में जातीय गणना कराने की मांग की थी. केंद्र ने तब कहा था कि फिलहाल जातीय गणना संभव नहीं है. इसके बाद राज्य सरकार ने अपने खर्च पर जातीय गणना कराने का निर्णय लिया.
बता दें कि जातीय गणना के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. सबसे पहले पटना, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, समस्तीपुर, पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर जिले के अधिकारियों और कर्ममारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.
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