हमारा लोकतंत्र जीवंत है और विश्‍व में सबसे बड़ा लोकतंत्र है: द्रौपदी मुर्मु

राष्ट्रपति ने राजस्‍थान में; राजभवन जयपुर में संविधान उद्यान का उद्घाटन किया; राजस्थान में सौर ऊर्जा क्षेत्रों के लिए ट्रांसमिशन प्रणालियों का वर्चुअल रूप से उद्घाटन किया और 1000 मेगावाट की बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना की आधारशिला रखी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4जनवरी। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 3 जनवरी को राजभवन, जयपुर में संविधान उद्यान, मयूर स्तंभ, राष्ट्रीय ध्वज पोस्‍ट का उदघाटन किया तथा महात्मा गांधी और महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने वर्चुअल रूप से राजस्थान में सौर ऊर्जा क्षेत्रों के लिए ट्रांसमिशन प्रणाली का उद्घाटन किया और एसजेवीएन लिमिटेड की 1000 मेगावाट की बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना की आधारशिला रखी।

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि हमारा लोकतंत्र जीवंत है और विश्‍व में सबसे बड़ा लोकतंत्र है। इस महान लोकतंत्र का आधार हमारा संविधान है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में भाग लेकर उन्हें संविधान निर्माताओं के प्रति सम्मान व्‍यक्‍त करने का अवसर मिला है। उन्होंने कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से भारत के संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति ने उद्यान में प्रदर्शित संविधान निर्माण की तीन वर्षों की ऐतिहासिक यात्रा का कलात्‍मक ढंग से वर्णन करने के लिए कलाकारों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारे आधुनिक इतिहास का एक प्रमुख अध्याय संविधान उद्यान में सुरूचिपूर्ण चित्रों, मूर्तियों तथा अन्य कला रूपों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने समाज के प्रत्येक वर्ग के प्रति संवेदनशीलता तथा लोकतंत्र के प्रत्येक स्तर और प्रशासन के प्रत्येक पहलू के प्रति जागरूकता के कारण एक व्यापक संविधान का निर्माण किया। हमारे दूरदर्शी संविधान निर्माताओं के पास भविष्य की पीढ़ियों को उनकी आवश्‍यकताओं के अनुसार प्रणाली बनाने के बारे में विचारों की स्पष्टता थी। इसी कारण संविधान संशोधन के प्रावधानों को भी संविधान में ही शामिल किया गया है। अब तक कुल 105 संशोधन किए गए हैं। इस तरह हमारा संविधान एक जीवंत दस्तावेज है जो समय के साथ लोगों की बदलती आशाओं और आकांक्षाओं को अपनाने तथा शामिल करने में पूरी तरह सक्षम है।

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