सिनेमैटिक कला के दिग्गजों ने एससीओ फिल्म महोत्सव में दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 29जनवरी।  शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन फिल्म फेस्टिवल के कई सत्रों में आज फिल्म उद्योग के अनेक दिग्गज शामिल हुए।

फिल्म स्क्रीनिंग के अलावा, संगीत से लेकर एनिमेशन और बौद्धिक संपदा अधिकारों तक विभिन्न विषयों पर चर्चा के लिए सत्र आयोजित किए गए।

गुजराती फिल्म ‘द लास्ट फिल्म शो’ की स्क्रीनिंग के साथ दिन की शुरुआत हुई। उस दिन प्रतियोगिता खंड के तहत कजाकिस्तान की फिल्म ‘मॉम आई एम अलाइव’, रूस से ‘पोडेल्निकी’(द रायट), चीन से ‘बी फॉर बिजी’ और मराठी फिल्म ‘गोदावरी’ को भी प्रदर्शित किया गया।

दिन की पहली पैनल चर्चा ‘क्रिएटिंग इनफिनिट वर्ल्ड्स यूजिंग एनिमेशन’ पर आयोजित की गई ।

ग्रेफिटी मल्टीमीडिया के निदेशक श्री मुंजाल श्रॉफ और टूंज एनिमेशन के सीईओ श्री जयकुमार प्रभाकरन ने भारतीय एनिमेशन उद्योग में अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए।

पैनलिस्टों ने इस बात पर भी चर्चा की कि कैसे सिनेमा और टेलीविजन सांस्कृतिक खोज और उसी के सामाजिक प्रभाव के कार्य में लगातार लगे हुए थे।

जानेमाने फिल्म निर्माता श्री राहुल रवैल और श्री रमेश सिप्पी के साथ दिग्गज अभिनेत्री सुश्री आशा पारेख ‘एससीओ क्षेत्र में भारतीय सिनेमा की बढ़ती लोकप्रियता’ पर एक चर्चा सत्र में शामिल हुईं।

पैनलिस्टों ने उन कारकों पर चर्चा की जो भारतीय सिनेमा को सिनेमा में अनेक सांस्कृतिक प्रभावों के साथ-साथ इतना प्रिय बनाते हैं।

श्री रमेश सिप्पी ने कहा कि सिनेमा में किरदारों की सादगी ने ही सीमाओं को ओझल करना संभव बनाया है।

सुश्री आशा पारेख ने संगीत को इन संबंधों के पीछे का कारण बताया, जबकि श्री राहुल रवैल ने भारतीय सिनेमा के प्रति आकर्षण का श्रेय इसके कालातीत आकर्षण को दिया।

दिन की समाप्ति कजाख गायक और संगीतकार श्री दिमश कुदाईबर्गेन के साथ ‘फायर साइड चैट’ सत्र शीर्षक ‘ब्रेकिंग बैरियर’ के साथ हुई।

स्टारडम के लिए अपनी व्यक्तिगत यात्रा के बारे में बताकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर करते हुए, श्री दिमेश कुदाईबर्गेन ने कहा कि संगीत अपने आप में एक ऐसी भाषा है, जो सीमाओं से परे है।

श्री दिमश कुदाईबर्गेन ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच फिल्म डिस्को डांसर से हिट बॉलीवुड गीत ‘जिमी जिमी’ गाया और सत्र और दिन एकता और सहयोग के एक सच्चे चित्रण के साथ समाप्त हुआ।

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