लिथियम पर खत्म होगी चीन और ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत! जम्मू-कश्मीर के रियासी में मिला 5.9 मिलियन टन लिथियम का भंडार, आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में एक मुकाम और हासिल
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12फरवरी। चीन के साथ 1962 के युद्ध के बाद नेहरू जी संसद में बोले “अक्साई चिन में तिनके के बराबर भी घास तक नहीं उगती,वो बंजर इलाका है,चीन ने ले लिया तो क्या “, इस पर सांसद श्री महावीर त्यागी ने अपना गंजा सिर नेहरूजी को दिखाया और कहा-“यहां भी कुछ नहीं उगता तो क्या मैं इसे कटवा दूं या फिर किसी और को दे दूँ ?”
लिथियम भंडार की रैंकिंग:
◆ चिली: 9.2 मिलियन टन
◆ ऑस्ट्रेलिया: 5.7 मिलियन टन
◆ अर्जेंटीना: 2.2 मिलियन टन
◆ चीन: 1.5 मिलियन टन
◆ यूएसए: 0.7 मिलियन टन
कल जम्मू-कश्मीर में 5.9 मिलियन टन लिथियम पाया गया। अब भारत दुनिया में लिथियम का दूसरा सबसे बड़ा भंडार बन गया है।
मशहूर उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने कहा-इसमें कोई शक नहीं है कि भारत का भविष्य उज्जवल है. अब भारत एलेक्ट्रिफाइंग होने वाले है.
देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर में 5.9 मिलियन टन लिथियम का भंडार मिला है. इसका उपयोग मोबाइल-लैपटॉप समेत अन्य चार्जेबल बैट्री बनाने में किया जाता है. इसके अलावा GSI ने लिथियम और गोल्ड समेत अन्य धातुओं के ब्लॉकों की रिपोर्ट राज्य सरकारों को सौंपी है.
■ देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में लिथियम का बड़ा भंडार मिला है. लिथियम के भंडार की यह पहली साइट है, जिसकी भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने रियासी जिले में पहचान की है.
■ इलेक्ट्रिक व्हीकल और मोबाइल फोन जैसे उपकरणों की बैट्री में इस्तेमाल होने वाले लिथियम को दूसरे देशों से आयात किया जाता है. रियासी जिले में अब इसके भंडार के दोहन से देश की आयात पर निर्भरता कम होगी.
■ लिथियम एक अलौह धातु है जो मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्बेल बैट्री में उपयोग किया जाता है. इसके अलावा इसका उपयोग खिलौनों और घड़ियों के लिए भी किया जाता है. इस समय भारत लिथियम के लिए पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर है.
■ 62वीं केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड (CGPB) की बैठक के दौरान लिथियम और गोल्ड समेत 51 खनिज ब्लॉकों पर एक रिपोर्ट राज्य सरकारों को सौंपी गई.
■ इन 51 खनिज ब्लॉकों में से 5 ब्लॉक सोने से संबंधित हैं. इसके अलावा पोटाश, मोलिब्डेनम, बेस मेटल से जुड़े हुए हैं. ये मेटल्स 11 राज्यों के अलग-अलग जिलों में मिले हैं. इन राज्यों में जम्मू-कश्मीर (यूटी), आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल हैं.
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने रियासी जिले के सलाल-हैमाना इलाके में लिथियम के भंडार मिलने की पहली बार पुष्टि की है. इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के लिए, मोबाइल के लिए और भी अन्य स्मार्ट गैजेट्स के लिए लिथियम बेहद ज़रूरी है. देखा जाए तो यह सही समय पर भारत को मिला है. भविष्य में लिथियम बेहद ज़रूरी है. देश में अब गाड़ियां इलेक्ट्रिक होती जा रही हैं. ऐसे में यह भारत के हित में है।।
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