गुस्ताखी माफ़ हरियाणा

गुस्ताखी माफ़ हरियाणा

पवन कुमार बंसल
उम्र के इस पड़ाव पर और इतने हादसों के बाद भी चुस्त -दुरस्त है ओमप्रकाश चौटाला:
अभी भी मोदी विरोधी ताकतों को इकठा करने का जज्बा है कायम।
कल गुरुग्राम में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला से मुलाकत हुई। मेरे साथ चर्चित जी -फाइल्स मैगज़ीन वाले अनिल त्यागी भी थे। ग्यारहवीं मंजिल पर स्थित फ्लैट की बालकनी में धूप सेंक रहे चौटाला से जब कुशल क्षेम पूछने के बाद हरियाणा के हालात बारे पूछा तो कहने लगे की हरियाणा ही क्या ,यहाँ तो पुरे देश की हालत खराब है? उनके दिल में अभी भी कसक है कि कैसे इससे छुटकारा पाया जाए। इसी बीच जब अमेरिका से उनके एक प्रशंशक ने हाल पूछा तो बोले में बिलकुल ठीक हूँ और मुझे कोई तकलीफ नहीं है। उनके साथ हे टेबल पर करीब आधा दर्जन अख़बार भी पड़े थे। परमात्मा उनके सेहत ठीक रखे।

जब धर्मवीर गाबा ने खटटर से कहा कांग्रेस और शराब तो मेरी साँस के साथ ही छूटेगी: 
गुरुग्राम से विधायक और भजन लाल सरकार में मंत्री रहे धर्मवीर गाबा कांग्रेस के वफादार सिपाही थे। जब यह चर्चा थी की मनोहर लाल अपना हल्का करनाल से बदल गुरुग्राम से चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने यानि मनोहर लाल ने यहाँ के प्रमुख पंजाबी नेताओं से मुलाकात की थी। गाबा ने कह दिया था की में तटस्थ रहूंगा। जब मनोहर ने उन्हें भाजपा में शामिल होने का आग्रह किया तो गाबा ने कहा ‘ शराब और कांग्रेस तो मेरी साँस से ही छूटेगी। जब यह चर्चा थी की भूपिंदर हूडा अपनी नयी पार्टी बनाएंगे तब हूडा ने गाबा से मिलकर कर उनका मन टटोला तो गाबा बोले में आपके साथ तो हूँ लेकिन अलग पार्टी में नहीं जाऊंगा।
जब भजन लाल ने गाबा को गोली दी: 
तब गाबा विधायक थे और भजन लाल चीफ मिनिस्टर। वे भजन लाल के खिलाफ कुछ बयानबाजी भी करने लगे थे। एक दिन भजन लाल से मुलाकात करने चीफ मिनिस्टर निवास गए। भजन लाल ने उन्हें नीचे ड्राविंग रूम में बिठाया और वहा जानबूझ कर एक सरकारी फाइल रखवा दी। गाबा ने फाइल पढ़ी तो उनके होश गुम हो गए। जब भजन लाल आये तो अपने शिकवे भूल उनके गुण गाने लगे। हुआ यह की उस फाइल में डी आई जी सी आई डी की गाबा के बारे एक रिपोर्ट थी अब भजन लाल भी गजब थे। निजी सचिव को बोले अरे यह कौन से फाइल भेज दी।

फेसबुक ने पैरोल बीच में ही रद की:
एक सप्ताह पहले फेसबुक ने पैरोल पर रिहा किया था लेकिन कल फिर अचानक पैरोल रद कर दी और वापिस ब्लॉक कर दिया। लेकिन अपन ने इस पैरोल के अवधि का तो पूरा फायदा उठाया और पिछले पंद्रह दिनों की सारी पोस्ट्स चेप दी। फिर आई टी सेल की शिकायत हुए होगी। फेसबुक की भी अपनी मजबूरी होगी। मुझे जो आभास हो रहा है कि आने वाले दिनों में सोशल मीडिया पर शिकंजा कसा जाएगा। क्योंकि मुख्यधारा के मीडिया तो पहले ही हथियार गैर चुका है। हालांकि सोशल मीडिया में भी सब ठीक नहीं है। ब्लैकमेलिंग से निजी एजेंडा चलाने की चर्चा है। लेकिन फिर भी जो थोड़ी बहुत सरकार के गलत कामो की आलोचना होती है वो सोशल मीडिया में ही मिलती है। इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट का कड़ा करके सोशल मीडिया पर शिकंजा कसा जाने की तयारी शुरू हो गयी है। अब कभी भी व्हट्सप पर बेन लगने के चलते में आपको दरबार में हाजिर न हो सकू तो मुझे माफ़ कर देना। यानि मेरी मजबूरी समझ मुझ पर बेवफाई का आरोप न लगाना।

 

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