भारत की विकास गाथा को नीचा दिखाने के लिए छेड़छाड़ किए गए आख्यानों का विरोध करने की जरूरत है: उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने आज भारतीय सूचना सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने भेंट की

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 15 फरवरी।उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज उप-राष्ट्रपति निवास में भारतीय सूचना सेवा (आईआईएस) परिवीक्षाधीन (प्रोबेशनर) अधिकारियों के एक समूह के साथ बातचीत की। इस दौरान श्री धनखड़ ने उन्हें “लोकतंत्र और राष्ट्रवाद के वास्तविक रक्षक” बनने के लिए कहा। उपराष्ट्रपति ने कोविड-19 महामारी के दौरान गलत सूचनाओं से लड़ने और टीके से जुड़ी हिचकिचाहट को दूर करने में आईआईएस अधिकारियों की भूमिका की प्रशंसा की। श्री धनखड़ ने युवा प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि इन दिनों हर सेकंड जो कुछ भी वायरल हो रहा है, उससे हमेशा सतर्क और जागरूक रहें।

श्री धनखड़ ने इन अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान भारत को अवसर और निवेशों की भूमि बताया। इसके अलावा उन्होंने इन ताकतों को और अधिक बढ़ाने में प्रभावी संचार की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने ‘जानकारी दबाने’ को ‘हमला करने का दूसरा तरीका’ बताया और इसे बेअसर करने के लिए साहसिक और प्रभावी कदम उठाने का आह्वाहन किया। इसके अलावा उपराष्ट्रपति ने भारत की विकास गाथा को कमजोर करने के उद्देश्य से छेड़छाड़ किए गए आख्यानों का प्रभावी ढंग से विरोध करने के लिए सावधान रहने की जरूरत को भी रेखांकित किया। उन्होंने युवा अधिकारियों से कहा, “हमारे पास अब देरी से प्रतिक्रिया व्यक्त करने की विलासिता नहीं है.”

भारतीय सूचना सेवा एक केंद्रीय समूह ‘ए’ सेवा है, जिसके सदस्य भारत सरकार के मीडिया प्रबंधकों के रूप में काम करते हैं। अपनी विभिन्न क्षमताओं के अनुरूप आईआईएस अधिकारी सरकार व देश के नागरिकों के बीच सूचनाओं के प्रसार और विभिन्न सरकारी नीतियों व योजनाओं को बड़े पैमाने पर जनता तक पहुंचाने के माध्यम से एक महत्वपूर्ण संचार कड़ी के रूप में कार्य करते हैं।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति के सचिव श्री सुनील कुमार गुप्ता, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अपूर्व चंद्रा, आईआईएमसी के महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी, 2020, 2021 व 2022 बैच के प्रशिक्षु आईआईएस अधिकारी और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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