प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी युवा भारतीयों के लिए अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से निरंतर प्रयास कर रहे हैं, सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिजाइन ऐसा ही एक अवसर प्रस्तुत करता है : राजीव चंद्रशेखर

राजीव चंद्रशेखर ने बंगलुरू में दूसरे सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिजाइन रोडशो को हरी झंडी दिखाई

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25फरवरी। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बंगलुरू स्थित आईआईएससी में दूसरे सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिजाइन रोडशो को हरी झंडी दिखाई। इसका उद्देश्य स्टार्टअप्स, अगली पीढ़ी के नवाचारकर्ताओं और कारोबारी लीडर्स को भारत में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश के लिए प्रोत्साहित करना है।

राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर दूसरे सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिजाइन रोडशो को संबोधित करते हुए

इस अवसर पर राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भारत वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स मूल्य श्रृंखलाओं में तेजी से आगे बढ़ रहा है और भारत की उच्च विकास वाली डिजिटल और नवाचार अर्थव्यवस्था के साथ-साथ डिजिटलीकरण के तेज विकास ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स के नए वैश्विक क्रम में तमाम अवसर पैदा किए हैं।

उन्होंने वर्तमान में दिख रहे तीन रुझानों के बारे में बात करते हुए कहा, “पहला, डिजिटलीकरण में तेजी आई है और दुनिया भर की सरकारें तेजी से डिजिटलीकरण कर रही हैं। दूसरा, हम एक अहम बिंदु पर हैं और तीसरा, दुनिया के लिए, एक नए भारत का निर्माण हो रहा है जो प्रतिभा, वैश्विक उत्पादों, डिजिटल उत्पादों और सेवाओं के वितरण के मामले में विश्वसनीय भागीदार है।

राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर दूसरे सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिजाइन रोडशो को संबोधित करते हुए

उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी युवा भारतीयों के लिए अवसरों के विस्तार के लिए लगातार काम कर रहे हैं और सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिजाइन ऐसे ही एक अवसर का प्रतिनिधित्व करता है।

भारत में सेमीकंडक्टर नवाचार इकोसिस्टम का समर्थन करने के लिए सरकार द्वारा की गई कुछ पहलों को रेखांकित करते हुए, राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि जल्द ही एक निजी, उद्योग आधारित अनुसंधान केंद्र इंडिया सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर (आईएसआरसी) का शुभारम्भ किया जाएगा और साथ ही सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला आधुनिकीकरण किया जा रहा है और यह मुख्य रूप से रिसर्च फैब होगी और इसे आईएसआरसी के साथ स्थापित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, सरकार की भावी कौशलों से जुड़े कार्यक्रम के तहत एक शैक्षणिक पाठ्यक्रम पेश करने की योजना है। उन्होंने जोर देकर कहा, “इसे उद्योग के विशेषज्ञों और शिक्षाविदों के सहयोग से विकसित किया गया है। बड़ी संख्या में कॉलेजों में वीएलएसआई में नई डिग्री, नए ऐच्छिक और नए प्रमाणन कार्यक्रम होंगे। हम सेमीकंडक्टर क्षेत्र में छात्रों के लिए नौकरी प्रशिक्षण जैसी इंटर्नशिप के लिए फैब कंपनियों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।”

केंद्रीय मंत्री ने सी-डैक इंडिया, बंगलुरू में चिपिन सेंटर के शुभारंभ की भी घोषणा की, जो देश के फैबलेस चिप डिजाइनरों को सेमीकंडक्टर डिजाइन टूल्स, फैब तक पहुंच, वर्चुअल प्रोटोटाइप एचडब्ल्यू लैब पहुंच प्रदान करने के लिए वन स्टॉप सेंटर के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत जल्द ही एआई डेटासेट कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया का सबसे बड़ा डेटासेट कार्यक्रम होगा जो इंटेलिजेंट कंप्यूट, एआई कंप्यूट, डिवाइस और सिस्टम डिजाइन इकोसिस्टम को उत्प्रेरित करेगा।

भारतीय स्टार्टअप्स और बड़ी वैश्विक सेमीकंडक्टर कंपनियों के बीच सहयोग की संभावना के बारे में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि वैश्विक सेमीकॉन कंपनियां सेमीकॉनइंडिया फ्यूचरडिजाइन स्टार्टअप्स की क्षमताओं के माध्यम से सामान्य नवाचार से आगे के नवाचार करने की अपनी क्षमता को बढ़ा सकती हैं।

राजीव चंद्रशेखर ने डीआईआर-5 (डिजिटल इंडिया आर आईएससी-5माइक्रोप्रोसेसर प्रोग्राम) के संबंध में भारत की महत्वाकांक्षाओं को रेखांकित किया, जो इस वर्ष शक्ति और वेगा आरआईएससी-5 प्रोसेसर एवं वाणिज्यिक ग्रेड के भारतीय प्रोसेसर के आसपास भविष्य के लिए डिजाइन विकसित करने, सिलिकॉन बनाने और उसे तैयार करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, “हम आरसीसी-5 के आसपास एक व्यापक संरचना का निर्माण कर रहे हैं और भारत को दुनिया के लिए आरआईएससी-5 टैलेंट सेंटर बनाना चाहते हैं।”

केंद्रीय मंत्री के संबोधन के बाद दर्शकों के साथ एक संवादात्मक सत्र का आयोजन किया गया।

राजीव चंद्रशेखर ने सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिजाइन डीएलआई योजना के तहत चयनित स्टार्टअप्स के पहले समूह की घोषणा की। ये स्टार्टअप वर्वेसेमी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक प्राइवेट लिमिटेड, फर्मियोनिक डिजाइन प्रा. लि. और डीवी2जेएस इनोवेशन लिमिटेड हैं। इन स्टार्टअप्स के सीईओ ने रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रेसिडेंट, जीएम और बोर्ड सदस्य डॉ. शैलेश चिट्टीपेड्डी और माइक्रोन टेक्नोलॉजी इंडिया के एमडी आनंद राममूर्ति सहित कई उद्योग जगत के लीडर्स के साथ बातचीत की।

इस योजना का उद्देश्य पांच साल के दौरान इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी), चिपसेट, सिस्टम ऑन चिप्स (एसओसी), सिस्टम और आईपी कोर और सेमीकंडक्टर से जुड़े डिजाइन/ डिजाइनों के विकास और उपयोग के विभिन्न चरणों में वित्तीय प्रोत्साहन के साथ-साथ डिजाइन इंफ्रास्ट्रक्चर समर्थन प्रदान करना है।

इस कड़ी में पहला आयोजन पिछले साल गुजरात के कर्णावती विश्वविद्यालय में हुआ था।

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