चीन से तनाव, पाकिस्तानी हरकतों का जवाब…चीन-पाकिस्तान से और बिगड़ेंगे भारत के रिश्ते, उकसावे का मोदी सरकार देगी करारा जवाब: अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली ,12 मार्च। चीन से लगी सीमा पर ड्रैगन की घेराबंदी करने के लिए भारत ने पिछले 9 वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर का इतना बड़ा जाल बिछा दिया कि जिसे देखकर चीन भी दंग रह गया है। सीमा पर भारतीय सेना की सतर्कता और तैयारियों को देखकर घुसपैठ करने की चीन की हिम्मतें भी जवाब देने लगी हैं।
■ पूर्वोत्तर सीमा पर 44 हजार करोड़ रुपए की लागत से फ्रंटियर हाईवे बनेगा केंद्र सरकार चीन के मंसूबों को स्थायी तौर पर काउंटर करने के लिए पूर्वोत्तर में 44 हजार करोड़ रुपए की लागत से फ्रंटियर हाईवे बनाने जा रही है।
■ 2014 से 2022 तक चीन की सीमाओं पर 6,806 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया जोकि 2008 और 2014 के बीच निर्मित 3,610 किलोमीटर सड़क से लगभग दोगुनी है।
■ 2008 से 2014 तक निर्मित पुलों की कुल लंबाई 7,270 मीटर थी, जबकि 2014 से 2022 के बीच यह बढ़कर 22,439 मीटर हो गई।
■ भारत ने स्पष्ट ‘‘सामरिक कारणों’’ से चीन के साथ लगती उत्तरी सीमाओं पर बुनियादी ढांचे के तेजी से विकास पर ध्यान केंद्रित किया है।
■ लद्दाख क्षेत्र में 135 किलोमीटर तक फैली रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चुशुल-डुंगती-फुकचे-डेमचोक सड़क पर काम पिछले महीने शुरू हुआ था।
■ चीन के साथ लगती सीमा पर सैनिकों की तैनाती बनाए रखने के लिए आवश्यक 16 प्रमुख दर्रों को रिकॉर्ड समय में और पिछले वर्षों की तुलना में बहुत पहले खोल दिया गया है।
■ 13,700 फुट की ऊंचाई पर स्थित बलीपारा-चारद्वार-तवांग रोड पर सेला सुरंग के निर्माण से भारतीय सेना का तवांग के निकट वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक हर मौसम में संपर्क बना रहेगा।
■ इसमें दो सुरंगें हैं -पहली 1,790 मीटर लंबी और दूसरी 475 मीटर लंबी है। सुरंग का निर्माण अगस्त 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है।
■ एक बार इसका निर्माण पूरा हो जाने के बाद यह 13,000 फुट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित दुनिया की सबसे लंबी दो-लेन सुरंग होगी।
■ भारतीय वायु सेना ने ईस्टर्न सेक्टर में एस-400 एयर डिफेंस स्क्वाड्रन को तैनात और सक्रिय कर दिया है, जो दुश्मन के किसी भी विमान या मिसाइल को 400 कि.मी. दूर से ही मार गिराने में सक्षम है. इस तरह का एयर डिफेंस सिस्टम दुनिया के बहुत कम देशों के पास है.
■ भारतीय वायु सेना में ट्रांसपोर्ट और अन्य विमानों के साथ-साथ राफेल और सुखोई-30 लड़ाकू विमानों सहित वायुसेना के प्रमुख लड़ाकू संसाधन सक्रिय है।
■ हाल ही में भारतीय वायुसेना ने सिक्किम और सिलीगुड़ी कॉरिडोर सेक्टर के साथ प्रतिकूल गतिविधियों की निगरानी की अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ड्रोन के एक स्क्वाड्रन को अन्य ठिकानों से नॉर्थ-ईस्ट में ट्रांसफर किया था.
■ शिलॉन्ग में भारतीय वायु सेना की ईस्टर्न कमान के पास चीन की सीमा के साथ-साथ पूरे पूर्वोत्तर पर निगरानी रखने के हवाई क्षेत्र हैं और जब चीनी विमान एलएसी के बहुत करीब उड़ान भरने या वहां भारतीय स्थानों की ओर बढ़ने की कोशिश करते हैं तो अक्सर हमारे लड़ाकू विमान उनको खदेड़ देते हैं.
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने अपने सांसदों को बताया कि उन्हें भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है और संघर्ष की संभावना है.
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत द्वारा पाकिस्तानी उकसावों का सैन्य बल के साथ जवाब देने की पहले की तुलना में अधिक संभावना है. यह मूल्यांकन अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के वार्षिक खतरे के आकलन का हिस्सा है, जिसे राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय द्वारा अमेरिकी कांग्रेस में प्रस्तुत किया गया.
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