गुस्ताखी माफ़ हरियाणा।
पवन कुमार बंसल।
मनोहर लाल जी सुषमा स्वराज की स्मृति में पुरस्कार तो ठीक – आप हिसार की सुशीला बहन को भी याद कर लेते।
सुषमा स्वराज ने देवीलाल सरकार में शिक्षा मंत्री रहते शिक्षा के छेत्र में सराहनीय काम किया -लेकिन सुशीला बहन ने तो नक़ल रोकने के लिए अपनी जान गवा दी. थी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करनाल में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर काफी महिलाओं को विभिन छेत्रो में सराहनीय काम के लिए सम्मानित किया और मंजू शर्मा को ‘सुषमा स्वराज अवार्ड से सम्मानित किया ।
नक़ल करने से रोकने पर प्रभावशाली लोगो ने हिसार की स्कूल शिक्षिका सुशीला,का अपहरण करके उसकी हत्या कर दी थी। करीब तीन दशक पहले भजन लाल हरियाणा के मुख्यमंत्री थे। हिसार की स्कूल टीचर सुशीला ने एक छात्र को नक़ल करने से मना दिया जो राजनीतिक तौर पर काफी प्रभावशाली था। सजिश करके सुशीला का अपहरण करके उसकी हत्या कर दी गयी और सबूत मिटाने के लिए शव को भी खुर्द -बुर्द कर दिया था। सुशीला के परिवारी रोहतक के प्रोफ़ेसर समर सिंह सहारन के प्रयास से मामले की सी बी आई जाँच तो हुई लेकिन असली दोषी नहीं पकडे गए।
एस पी डाबरा ने केस दर्ज नहीं किया – डी आई जी सिन्हा ने केस दर्ज करवाया तो उन्हें तब्दील कर दिया।
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हिसार के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अनिल डाबरा ने तो अपहरण का केस दर्ज करने से भी मना कर दिया था लेकिन हिसार रेंज के तत्कालीन डी आई जी ,पुलिस सिन्हा साहिब के आदेश पर केस दर्ज हुआ लेकिन कुछ दिन बाद उनका तबादला कर दिया गया।
कोई अपने यार के साथ भाग जाये तो मै क्या कर सकता हूँ ?–भजन लाल।
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तब विपक्षी दलों ने आंदोलन किया तो भजन लाल बोले ‘कोई अपने यार के साथ भाग जाये तो वे क्या कर सकते है ?
मनोहर जी सुशीला बहन की याद में भी किसी पुरस्कार की घोषणा कर दो ताकि नकल रोको अभियान को प्रेरणा मिले।
हूडा ने सुशीला की याद में अवार्ड की घोषणा की लेकिन लागू नहीं किया।
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तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हूडा ने सुशीला की स्मृति में राज्य स्तर के अवार्ड की घोषणा तो की लेकिन अफसरशाही ने इसे लागू नहीं होने दिया।
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