समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,15 मार्च। द्रविड़ आंदोलन तमिलनाडु की राजनीति, समाज और सांस्कृतिक चेतना में एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाला आंदोलन रहा है। यह आंदोलन मुख्य रूप से सामाजिक न्याय, ब्राह्मणवादी वर्चस्व के विरोध और द्रविड़ पहचान की रक्षा के लिए उभरा। इसकी जड़ें 20वीं शताब्दी की शुरुआत में पड़ीं और यह धीरे-धीरे तमिलनाडु की राजनीति की मुख्यधारा बन गया। इस लेख में हम इस ऐतिहासिक आंदोलन की उत्पत्ति, विकास और प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.