एक अनोखी परंपरा जिसमें शामिल हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राज्य के कल्याण और विघ्नों के नाश के लिए सहा सोटे का प्रहार
समग्र समाचार सेवा
रायपुर, 5नवंबर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के दुर्ग शहर में एक अनोखी परंपरा में भाग लिया और यहां राज्य के कल्याण और विघ्नों के नाश के लिए सोटे का प्रहार सहा। जी हां एक व्यक्ति ने उनपर जमकर सोटे बरसाए। यह एक धार्मिक अनुष्ठान के अंतर्गत हुआ. गोवर्धन पूजा के अवसर पर यहां सोटे मारने की परंपरा है।
दरअसल मुख्यमंत्री गोवर्धन पूजा के दौरान मनाए जाने वाले गौरा-गौरी उत्सव में शामिल हुए और उन्होंने कुश (घास) से बने सोटे का प्रहार सहा। राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को रायपुर में बताया कि परंपरा के मुताबिक, मुख्यमंत्री बघेल राज्य के कल्याण और विघ्नों के नाश की कामना की पूर्ति के लिए प्रति वर्ष कुश से बने सोटे का प्रहार सहते हैं। उन्होंने शुक्रवार को दुर्ग जिले के जंजगिरी गांव में यह परंपरा निभाई। यहां के ग्रामीण बीरेंद्र ठाकुर ने उन पर सोटे से प्रहार किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस संबंध में ट्वीट करते हुए लिखा, ‘प्रदेश की मंगल कामना और शुभ हेतु आज जंजगिरी में सोटा प्रहार सहने की परंपरा निभाई. सभी विघ्नों का नाश हो।’
इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपना एक हाथ आगे किया और सोटा यानी सोटे मार रहे शख्स ने पूरे दमखम के साथ एक के बाद एक कई सोटे मुख्यमंत्री के हाथों पर लगाए. सोटा प्रहार के बाद मुख्यमंत्री ने सोटा लगा रहे शख्स को गले लगाकर गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं भी दीं।
प्रदेश की मंगल कामना और शुभ हेतु आज जंजगिरी में सोटा प्रहार सहने की परंपरा निभाई।
सभी विघ्नों का नाश हो। pic.twitter.com/bHQNFIFzGv
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 5, 2021
जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस रस्म के दौरान ग्रामीणों से कहा कि हर साल गांव के बुजुर्ग भरोसा ठाकुर यह प्रहार करते थे और उनके निधन के बाद अब यह परंपरा उनके पुत्र बीरेंद्र ठाकुर निभा रहे हैं। बघेल ने कहा कि गोवर्धन पूजा गोवंश के प्रति हमारी कृतज्ञता का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि गोवंश जितना समृद्ध होगा, उतनी ही हमारी तरक्की होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे पूर्वजों ने बहुत सुंदर छोटी-छोटी परंपराओं का सृजन किया और इन परंपराओं के माध्यम से हमारे जीवन में उल्लास भरता है. आज आप सबके बीच पहुंचकर और इस हर्षित जनसमूह को देखकर मेरा मन भी हर्ष से भर गया है। गोवर्धन पूजा और गौरा-गौरी पूजा मिट्टी के प्रति गहरे अनुराग का उत्सव है। आप लोगों के उल्लास से भरे चेहरे देखकर अनुभव होता है कि हमारा प्रदेश सांस्कृतिक रूप से कितना समृद्ध है और हम इस सांस्कृतिक समृद्धि को किस तरह धरोहर के रूप में सहेजे हुए हैं।’’
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा, ‘‘अपनी मिट्टी की अस्मिता को सहेजना और उसका संवर्धन करना हम सबका कर्तव्य है. हमारे छत्तीसगढ़ की परंपराएं कितनी सुंदर हैं।’’ छत्तीसगढ़ में गौरा-गौरी पूजा उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व शिव और पार्वती को समर्पित है। यह लोक उत्सव दीपावली के दौरान मनाया जाता है। इस पर्व में जब गौरा-गौरी की झांकी निकाली जाती है, तब सोटा सहने की परंपरा है. माना जाता है जो व्यक्ति सोटा सहता है, उसके विघ्न दूर हो जाते हैं।
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