समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22सितंबर। भारत के चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वो मतदाता सूची के रजिस्ट्रेशन में उचित स्पष्टीकरण परिवर्तन जारी करेगा. बदलावों से अब किसी वयस्क को मतदाता सूची प्रमाणीकरण के उद्देश्य से अपने आधार नंबर का विवरण डालने की आवश्यकता नहीं होगी. वो फॉर्म 6 और 6बी (ई-रोल में रजिस्ट्रेशन के लिए) में उचित स्पष्टीकरण परिवर्तन जारी करेगा. इस फॉर्म के मुताबिक नए मतदाता सूची प्रमाणीकरण के उद्देश्य से मतदाता का आधार नंबर का विवरण आवश्यक है. अब इसको बदल दिया जाएगा. यानी आधार नंबर के बिना भी आप वोटर बन सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट को चुनाव आयोग की ओर से पेश सीनियर वकील ने यह भी बताया कि मतदाताओं के रजिस्ट्रेशन (संशोधन) नियम 2022 के नियम 26-बी के तहत आधार संख्या जमा करना अनिवार्य नहीं है. चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मतदाता पंजीकरण की प्रक्रिया के दौरान केवल मतदाता के रूप में पहचान की पुष्टि के लिए कॉलम में आधार नंबर मांगा जाता है. लेकिन ऐसा नहीं है कि इसके बिना मतदाता पहचान पत्र नहीं बनाया जा सकता.
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली और जस्टिस जेबी पारदी वाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच के सामने कहा गया कि मतदाताओं के पंजीकरण (संशोधन) नियम 2022 के नियम 26-बी के तहत आधार संख्या का विवरण अनिवार्य नहीं है. चुनाव आयोग ने अंडरटेकिंग दिया कि जल्द ही स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा.
ईसीआई की ओर से पेश वकील ने कहा कि मतदाता सूची को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में लगभग 66,23,00,000 आधार नंबर पहले ही अपलोड किए जा चुके हैं. मतदाताओं के पंजीकरण (संशोधन) नियम 2022 के नियम 26-बी के तहत आधार नंबर जमा करना अनिवार्य नहीं था. इसलिए चुनाव आयोग उस उद्देश्य के लिए पेश किए गए फॉर्म में उचित स्पष्टीकरण परिवर्तन जारी करने पर विचार कर रहा है.
चुनाव आयोग ने ये बातें एक याचिका पर सुनवाई के दौरान बताई. याचिका में फॉर्म 6 यानी नए मतदाताओं के लिए आवेदन पत्र और फॉर्म 6बी यानी नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए ईसीआई फॉर्म के मतदाता सूची प्रमाणीकरण के उद्देश्य से आधार संख्या की सूचना पत्र से संबंधित चिंताओं को इंगित किया गया था.
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