समग्र समाचार सेवा
शिमला, 5 अप्रैल। पंजाब में ऐतिहासिक जीत के बाद अब आम आदमी पार्टी पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश की सियासत में एंट्री कर रही है। पहाड़ी राज्य की अब तक की सियासत में कोई भी पार्टी तीसरे फ्रंट के रूप में कामयाब नहीं रही। ऐसे में पहाड़ की सियासी चढ़ाई चढ़ने के लिए आम आदमी पार्टी पंजाब की तरह ही ‘गारंटियों का दांव’ खेलने की तैयारी में है।
हिमाचल में फिलहाल बीजेपी की सरकार
हिमाचल में धमाकेदार एंट्री के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी में आम आदमी पार्टी (आप) पहला रोड शो कर रही है। दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन लंबे समय से हिमाचल के राजनीतिक गणित को समझने के लिए प्रदेश में ही डेरा डाले हुए हैं। वहीं, हिमाचल में फिलहाल बीजेपी की सरकार है, जिसका कार्यकाल 8 जनवरी 2023 को पूरा होने वाला है। ऐसे में सभी सियासी पार्टियों के पास अब करीब 6 महीने का ही समय शेष है।
पंजाब के साथ लगते इलाकों पर फोकस
आम आदमी पार्टी ऐलान कर चुकी है कि हिमाचल में सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी का हिमाचल के ऊना, कांगड़ा, बिलासपुर और सोलन जिलों पर फोकस है। इसकी वजह ये है कि ये सभी इलाके पंजाब से लगते हैं। वहीं पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार बन चुकी है, इसका असर पड़ोसी राज्य के इन इलाकों में देखने को मिल सकता है। वहीं कांगड़ा जिले में ही राज्य की सबसे ज्यादा 15 विधानसभा सीटें आती हैं।
पर्यटन-बागवानी-शिक्षा पर आप का फोकस
पंजाब में चुनाव जीतने के लिए आम आदमी पार्टी ने 10 गारंटियों का ऐलान किया था। हिमाचल में भी पार्टी ऐसा ही दांव खेलने की तैयारी में है। दिल्ली में आप के मंत्री सत्येंद्र जैन लंबे समय से हिमाचल में हैं। ऐसे में पार्टी ने उन मुद्दों को भी अच्छे से समझ लिया है, जिन पर आम जनता को गारंटियां दी जा सकती हैं। पार्टी के मेनिफेस्टो में टूरिज्म और बागवानी के साथ शिक्षा क्षेत्र मुख्य रूप से शामिल रह सकते हैं। हिमाचल में ज्यादातर लोगों की आजीविका बागवानी और पर्यटन पर ही निर्भर करती है।
कांग्रेस-भाजपा से कई चेहरे छिटकने की चर्चा
आम आदमी पार्टी की बढ़ती गतिविधियों के कारण हिमाचल में कांग्रेस और भाजपा में भी अंदरखाते हलचल बढ़ गई है। बुधवार को मुख्यमंत्री के गृह जिले मंडी में होने वाली रैली के मद्देजनर दोनों पार्टियों के कई बड़े चेहरों के छिटकने की चर्चाएं जोरों पर है। रोड शो में पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान की मौजूदगी में कई बड़े नाम आप से जुड़ सकते हैं।
कांग्रेस को लग सकता है बड़ा झटका
इस बात की भी चर्चा है कि जयराम कैबिनेट से एक मंत्री भी सीएम चेहरा बनाने की शर्त पर आम आदमी पार्टी के संपर्क में है। वहीं, हाशिए पर चल रहे मंडी के अनिल शर्मा के बारे में भी चर्चाओं का बाजार गर्म है। भाजपा के महेश्वर सिंह और कांग्रेस के मेजर विजय सिंह मनकोटिया के भी आप में जुड़ने की चर्चा है। भाजपा से बगावत कर आजाद उम्मीदवार के रूप में जुब्बल-कोटखाई से उपचुनाव लड़ने वाले चेतन बरागटा का नाम भी लिस्ट में है। कई अन्य टिकट के दावेदार भी आम आदमी पार्टी के खेमे में जा सकते हैं।
कांग्रेस के समीकरण जरूर बिगाड़ेगी आप
राजनीतिक पंडितों के मुताबिक आप यदि प्रदेश की सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ती है तो सियासी समीकरण बिगाड़ सकती है। कांग्रेस-भाजपा दोनों दलों को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। खासकर कांग्रेस खुद आप के चुनाव लड़ने से होने वाले नुकसान को लेकर खुद ही ज्यादा सतर्क है। वहीं पिछले दो सप्ताह में आप में शामिल हुए अधिकांश लोग कांग्रेस पृष्ठभूमि के रहे हैं।
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